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विवादों में घिरे ऊर्जा मंत्री, स्टाफ से निजी काम करवाने का मामला, हमलावर हुई कांग्रेस

भोपाल : मध्यप्रदेश (MP) में ऊर्जा विभाग की हालत खस्ता हाल है। बिजली विभाग की आम जनता त्रस्त है। वहीं दूसरी तरफ ऊर्जा मंत्री लगातार अपने अजीबोगरीब कारनामे को लेकर चर्चा में बने रहते हैं। अब एक बार फिर से ऊर्जा मंत्री (energy minister) प्रद्युमन सिंह तोमर चर्चा का विषय बन गए हैं। दरअसल उर्जा मंत्री ने बिजली विभाग से अपने निजी स्टाफ में 96 लोगों को कर्मचारी रख रखा है। जिसके बाद यह मामला विवादों में आ गया है।

वही मंत्रिमंडल में कोई ऐसा दूसरा मंत्र नहीं होगा। जिसने अपने लिए इतनी निजी स्टाफ रख रखे हैं। प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्र की बात की जाए तो उनके पास 22 लोगों का स्टाफ है। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा के पास 12 तो खाद एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री के पास 20 लोगों का निजी स्टाफ है। गोविंद सिंह राजपूत के पास जहां 15 लोगों का स्टाफ है। वहीं स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी के पास भी निजी स्टाफ की संख्या 20 है।

इसके अलावा प्रद्युमन सिंह तोमर के पास सामान्य प्रशासन विभाग से मिलने वाले स्टाफ भी मौजूद थे।जबकि तोमर ने बिजली कंपनियों से 11 गाड़ियां भी ले रखी है। जिसके ईंधन का खर्चा बिजली कंपनियों को ही उठाना पड़ रहा है। ऐसे में जहां एक तरफ बिजली कंपनियों की हालत खस्ता हाल है। ऐसे में मंत्री जी 96 लोगों को निजी स्टाफ के रूप मे रखा जाना वाकई बड़ी बात है।

मामले में मंत्री तोमर का कहना है कि उनके पास बड़ी जिम्मेदारी है। लोगों की शिकायतों का निराकरण करना पड़ता है। साथ ही बड़े डिपार्टमेंट होने की वजह से हर चीज की निगरानी आवश्यक हो जाती है। वहीं विभाग की हर कार्य समय पर हो। इसका दायित्व भी मेरे पास है। जिसके लिए यह आवश्यक है।

कांग्रेस हमलावर  – अब इस मामले में कांग्रेस शिवराज सरकार पर हमलावर हो गई है। कांग्रेस का कहना है कि पद के दुरुपयोग का बहुत ही गंभीर मामला है। एक तरफ जहां मंत्री नाटक नौटंकी में प्रवीण है। वहीं दूसरी तरफ इस तरह का भ्रष्टाचार भी कर रहे हैंहै। इस तरह के मंत्री के ऊपर गंभीर कार्रवाई होनी चाहिए। इसके अलावा अतिरिक्त स्टाफ की वेतन वसूली भी मंत्री जी से की जानी चाहिए।

 

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