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सैनिकों की वापसी कमजोर दिमाग का परिणाम, तलिबान के कब्जे में अमेरिकी गोला-बारूद: डोनाल्ड ट्रंप

वाशिंगटन। अमेरिका के इतिहास में कभी भी युद्ध से वापसी को इतनी बुरी तरह या अक्षमता से अंजाम तक नहीं ले जाया गया, जैसा जो बाइडेन के नेतृत्व में अमेरिका ने अफगानिस्तान से किया है। यह कहना है पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का। उनका यह बयान संयुक्त राज्य अमेरिका के काबुल से अपनी अंतिम सैन्य उड़ान भरने के बाद आया है।

ट्रंप ने कहा, “सभी सैन्य उपकरणों को तुरंत संयुक्त राज्य अमेरिका वापस लाना चाहिए, जो कि करीब 85 बिलियन अमरीकी डॉलर के हैं।” उन्होंने आगे कहा, “अगर इसे वापस नहीं किया जाता है, तो हमें फिर से सैन्य बल के साथ अंदर जाना चाहिए और इसे प्राप्त करना चाहिए। कम से कम बमों को वहां से बाहर निकालना चाहिए। किसी ने कभी भी ऐसी मूर्खता के बारे में नहीं सोचा था।” ट्रंप ने इसे कमजोर दिमाग का परिणाम बताया।

ट्रंप के अलावा संयुक्त राष्ट्र में पूर्व शीर्ष अमेरिकी राजनयिक निक्की हेली ने इसे “शर्मनाक वापसी” बताया है। उन्होंने कहा, “जो बाइडेन ने अमेरिकी नागरिकों और अफगान सहयोगियों को एक आतंकवादी सरकार के शासन के भरोसे छोड़ते हुए अफगानिस्तान से अपनी शर्मनाक वापसी पूरी की। अगर उन्हें कुछ भी होता है, तो बाइडेन इसके दोषी होंगे।” हेली ने कहा, “रूस और चीन न केवल अफगानिस्तान में जो बाइडेन की वापसी का आनंद ले रहे हैं, बल्कि वे इस पल को हथियाने के लिएभी तैयार हैं। जो बाइडेन की विदेश नीति अमेरिका के लिए विनाशकारी हो सकती है।”

अफगानिस्तान से वापसी पर रिपब्लिकन भाषण देते हुए, कांग्रेसी मार्क ग्रीन ने कहा कि यह एक अपमान है जिसके परिणामस्वरूप अब अमेरिकी जवानों का दुखद नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा, “हमारी प्रार्थना इन नायकों के परिवारों और प्रियजनों के साथ है। हमारे तथाकथित कमांडर इन चीफ अमेरिकियों, हमारे अफगान सहयोगियों और नाटो के सदस्यों को छोड़ रहे हैं जो केवल हमारी मदद के लिए अफगानिस्तान आए थे। हम नेतृत्व के संकट में हैं। राष्ट्रपति बाइडेन विफल रहे हैं।” उन्होंने कहा।

हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी के सदस्य और यूनाइटेड स्टेट्स आर्मी के दिग्गज रिपब्लिकन कांग्रेसी ली ज़ेल्डिन ने कहा कि अमेरिका ने अफगानिस्तान से अपनी वापसी पूरी कर ली है। कई अमेरिकी अभी भी दुश्मन की रेखाओं के पीछे फंसे हुए हैं। अमेरिक के 85 बिलियन डॉलर के हथियार और उपकरण एब तालिबान के हाथों में है।’

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