कांग्रेस में पीके शामिल होंगे या नहीं… आखिरी फैसला करेंगी सोनिया गांधी: सूत्र
नई दिल्ली : चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishore) को कांग्रेस में शामिल करने पर अंतिम फैसला पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) करेंगी. उन्होंने इस मुद्दे पर कई वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा की है. सूत्रों ने यह जानकारी दी. सूत्रों ने कहा कि इनमें से कुछ नेताओं ने पार्टी में उनके शामिल होने पर आपत्ति जतायी है, जबकि अन्य ने इसका समर्थन किया है क्योंकि उन्हें लगता है कि वह पार्टी के लिए लाभकारी होंगे. सूत्रों ने कहा कि निर्णय गांधी को लेना है. सूत्रों ने कहा कि पिछले साल गांधी को पत्र लिखकर संगठन में बदलाव की मांग करने वाले पार्टी के 23 नेताओं के समूह के भी किशोर के कांग्रेस में शामिल होने पर आपत्ति जताये जाने की जानकारी है. सूत्रों ने बताया कि इन नेताओं के बीच इस मामले पर एक बैठक में चर्चा हुई थी. किशोर के कांग्रेस में शामिल होने और चुनाव प्रबंधन में एक महत्वपूर्ण भूमिका संभालने की चर्चा के बीच उन्होंने हाल ही में राहुल गांधी से मुलाकात की थी. हालांकि, मामला लंबित है क्योंकि कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है. किशोर ने शुरुआत में साल 2014 के लोकसभा चुनावों के लिए भाजपा के साथ काम किया था और उसके बाद जद (यू) में शामिल हो गए थे और पार्टी के उपाध्यक्ष थे. किशोर ने उत्तर प्रदेश में पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान भी कांग्रेस के साथ काम किया था. उन्होंने पंजाब में पार्टी की सहायता भी की और मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के सलाहकार थे. उधर, किशोर के पार्टी में शामिल होने की अटकलों के तेज होने के बीच पार्टी में इस समय औपचारिक और अनौपचारिक बैठकों का दौर चल रहा है. पार्टी के सूत्रों ने न्यूज18 को बताया था कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) की मौजूदगी में कुछ दिनों पहले अहम बैठक हुई है. इसमें किशोर को पार्टी में शामिल किए जाने की संभावनाओं पर वरिष्ठ नेताओं के विचार पूछे गए हैं. सूत्रों ने बताया है कि अगर प्रशांत किशोर कांग्रेस में शामिल होते हैं तो वरिष्ठ नेता उन्हें कोई विशेष दर्जा देने के पक्ष में नहीं हैं. यह बैठक महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बुलाई थी. सूत्रों ने जानकारी दी है कि बैठक में पता चला है कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि प्रशांत किशोर को पार्टी सिस्टम के तहत काम करना चाहिए. सभी वरिष्ठ नेताओं का विचार है कि प्रशांत किशोर की विशेषज्ञता का इस्तेमाल पार्टी के कार्यकर्ता या पार्टीमैन के रूप में किया जाए. क्या चाहता है G-23? कांग्रेस के इन असंतुष्ट नेताओं में से कुछ के बारे में कहा जाता है कि वे प्रशांत किशोर की नियुक्ति के विचार का विरोध कर रहे हैं. वहीं यह भी कहा जा रहा है कि जी-23 गुट की ओर से वेट एंड वॉच की रणनीति अपनाने की भी संभावना है. इन नेताओं की यह अनौपचारिक मुलाकात कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे गए बदलाव करने संबंधी पत्र के एक साल बाद हुई है.
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