Fri. Nov 1st, 2024

CBI के प्रदर्शन का मूल्यांकन करेगा सुप्रीम कोर्ट, सफलता दर पर मांगा डेटा

नई दिल्ली : भारत की सबसे पुरानी जांच एजेंसी सीबीआई (CBI) हमेशा राजनीतिक दलों के निशाने पर रहती है. आए दिन विपक्षी दल इस जांच एजेंसी पर निष्पक्ष न होने का आरोप लगाते रहते हैं. अब सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई के प्रदर्शन का मूल्यांकन करने का फैसला किया है. यानी देश की सबसे बड़ी अदालत इस बात का आंकलन करेगी कि आखिर सीबीआई की सफलता दर क्या है. साथ ही इस डेटा का भी मूल्यांकन किया जाएगा कि सीबीआई कुल कितने केस के ‘तार्किक निष्कर्ष’ यानी लॉजिकल कंक्लूजन पर पहुंची.

अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई डायरेक्टर को परफॉर्मेंस का पूरा डेटा सौंपने को कहा है. इसके तहत उन्हें ये भी बताना होगा कि कुल कितने केस में जांच एजेंसी आरोपी को ट्रायल कोर्ट और हाईकोर्ट में सज़ा दिलाने में कामयाब रही. जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एमएम सुद्रेंश की पीठ ने ये भी कहा कि सीबीआई के लिए सिर्फ इतना ही काफी नहीं है कि वो केस दर्ज कर जांच करे, बल्कि उन्हें ये भी सुनिश्चित करना होगा कि दोषी को सज़ा भी मिले. कई बार ऐसा देखा गया है कि सीबीआई की तरफ से केस फाइल करने में देरी हुई है. सुप्रीम कोर्ट यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि जांच एजेंसी कितनी सक्षम है.

सुनवाई के दौरान सीबीआई के वकील संजय जैन ने जांच एजेंसी का बचाव किया. उन्होंने कहा कि भारत जैसे देश में सिर्फ एडवर्सरियल कानूनी प्रणाली के तहत सीबीआई के काम को नहीं आंका जा सकता है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनके इस तर्क पर आपत्ति जताई और कहा कि दुनिया के सभी देशों में जांच एजेंसी की सफलता दर इसी तरह आंकी जाती है और सीबीआई इससे अलग नहीं है.

सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा, ‘हमें उन केस के सारे डेटा चाहिए जिसकी जांच सीबीआई इस वक्त कर रही है. हमें ये भी बताया जाए कि कब से किस केस पर सीबीआई काम कर रही है. उनकी हाईकोर्ट और ट्रायल कोर्ट में सफलता दर क्या है.’ सीबीआई को ये सारे डेटा चार हफ्ते के अंदर देने होंगे.

सीबीआई का बहाना – सुप्रीम कोर्ट ने आगे नाराजगी जताते हुए कहा कि पूरी दुनिया में किसी जांच एजेंसी का मूल्यांकन इसी आधार पर किया जाता है. बेंच ने सीबीआई से ये भी जवाब मांगा है कि अपने काम में सुधार के लिए एजेंसी ने अब तक क्या कुछ किया है. बता दें कि सीबीआई ने सुप्रीम में केस दायर करने में हो रही देरी के लिए कहा कि उनके पास काफी ज्यादा केस है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसतर्क को खारिज कर दिया.

सीबीआई पर सख्त सुप्रीम कोर्ट – बता दें कि सुप्रीम कोर्ट समय-समय पर सीबीआई के खिलाफ कठोर टिप्पणी करता रहा है. साल 2013 में कोयला घोटाले की सुनवाई करते हुए कहा था कि सीबीआई पिंजरे में बंद ‘तोता’ है जो सिर्फ अपने मालिक का बात सुनती है और वहीं वो कहती है. इस साल 6 अगस्त को भी सुप्रीम कोर्ट ने जजों को धमकी मिलने वाले केस में सीबीआई पर नराज़गी जताई थी.

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *