सरकार बनाने के फाइनल स्टेज में तालिबान, ताजपोशी में चीन और पाकिस्तान होंगे खास मेहमान; भारत से दूरी
काबुल । तालिबान अफगानिस्तान में अपनी सरकार बनाने के फाइनल स्टेज में है। पंजशीर घाटी पर पूर्ण कब्जे के बाद उसने इस दिशा में तेजी से कदम बढ़ाया है। सूत्रों का दावा है कि तालिबान ने नई सरकार की ताजपोशी में शामिल होने के लिए पाकिस्तान, चीन तुर्की, कतर, रूस, और ईरान को बुलावा भेजा है। हालांकि अभी तक इस समारोह में तालिबान द्वारा भारत को आमंत्रित करने की बात सामने नहीं आई है। गौरतलब है कि पंजशीर में तालिबान को रेजिस्टेंस फोर्सेज से कड़ी टक्कर मिली थी।
अब जो भी विद्रोह करेगा देश का दुश्मन होगा
इस बीच तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने काबुल में सोमवार को एक प्रेस कांफ्रेंस की। इंडिया टुडे के मुताबिक इस दौरान मुजाहिद ने कहा कि युद्ध खत्म हो चुका है। अब हमें एक स्थिर अफगानिस्तान की उम्मीद है। उसने यह भी कहा कि अब जो भी विद्रोह करेगा, देश और यहां के लोगों का दुश्मन होगा। प्रेस कांफ्रेंस में मुजाहिद ने यह भी कहा कि भगोड़े कभी भी इस देश का पुनर्निर्माण नहीं करेंगे। इसे हमें और हमारे देश के लोगों को ही करना होगा।
एयरपोर्ट संचालन के लिए काम कर रही हैं तकनीकी टीमें
इसके अलावा तालिबान ने यह भी कहा है कि वह काबुल एयरपोर्ट पर संचालन फिर से शुरू करने वाला है। इसके लिए कतर, तुर्की और यूएई से तकनीकी टीमें काम कर रही हैं। गौरतलब है कि पंजशीर पर कब्जे के बाद पूरे अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हो चुका है। तालिबान ने कहा कि उसने काबुल के उत्तर में स्थित पंजशीर प्रांत पर कब्जा कर लिया है। पिछले महीने 15 अगस्त को काबुल फतह करने के बाद देश का एकमात्र यही हिस्सा था, जहां तालिबान अभी तक जूझ रहा था।
पंजशीर के आठ जिलों में फैल गए हैं तालिबान लड़ाके
एक सूत्र ने बताया कि तालिबान लड़ाके रातोंरात पंजशीर के आठ जिलों में फैल चुके हैं। हालांकि अपनी सुरक्षा के लिए इस सूत्र ने अपना और इलाके का नाम बताने से इंकार कर दिया। सोमवार को ही तालिबान ने इस बात की घोषणा कर दी थी कि पंजशीर पर अब उसका पूरी तरह से कब्जा हो चुका है। बताया जाता है कि इसके बाद अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह पंजशीर छोड़कर ताजिकिस्तान चले गए हैं।