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माैसम:मूंडवा में 52, जायल में 24 तो खींवसर में 19 एमएम बारिश, 16- 17 तेज की भी संभावना

सितंबर में मानसून की बारिश जमकर हो रही है। कुल बारिश का आंकड़ा 407 एमएम पार कर चुका है। जो औसत बारिश से 37.4 एमएम ज्यादा है। मंगलवार को जिले 13 में से 10 तहसीलों में बारिश का दौर चला। सर्वाधिक बारिश मूंडवा तहसील में 52 एमएम रिकॉर्ड दर्ज की गई। वहीं डीडवाना में 49, जायल में 24 तो खींवसर में 19 एमएम बारिश हुई।

बारिश के चलते दिन का अधिकतम तापमान 33.9 डिग्री ताे न्यूनतम 24.8 डिग्री रहा। दरअसल, नागाैर शहर में दूसरे दिन बूंदाबांदी का दाैर चला। दिनभर आसमान में काले बादल छाए रहे, मगर जमकर बरसे नहीं। मूंडवा, जायल व खींवसर में हुई तेज बारिश के चलते कस्बों में सहित खेतों में पानी भर गया। माैसम विभाग जयपुर के अनुसार वर्तमान में छत्तीसगढ़ व आसपास के उड़ीसा क्षेत्र के ऊपर एक अत्यंत कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है।

इसके अगले 48 घंटों में पूर्वी राजस्थान की और आगे बढ़ने की प्रबल संभावना है। इस नए सिस्टम का असर 15 सितंबर से पूर्वी राजस्थान के कुछ भागों में शुरू होगा। वहीं आगामी चार-पांच दिन मानसून सक्रिय रहेगा। 16-17 सितंबर को इस सिस्टम का सर्वाधिक असर रहेगा। अजमेर संभाग के जिलों में भी कहीं कहीं भारी बारिश की संभावना है।

खींवसर क्षेत्र के गांवों में बारिश, खेतों में भरा पानी
ग्रामीण इलाकों में सोमवार और मंगलवार को बारिश हुई है। दोपहर के बाद हुई बारिश से खेतों ने तालाब का रूप ले लिया। खींवसर में सोमवार को दिनभर रुक-रुक के रिमझिम बारिश का दौर रहा। मंगलवार को शाम 4 बजे अचानक शुरू हुई बारिश करीब 40 मिनट तक चली, जिससे कस्बे के निचले इलाकों में पानी भर गया। लोगो ने सरपंच राजू देवी देवड़ा से मिलकर पानी भराव वाले क्षेत्र में बोरवेल खुदवाने की मांग की, जिसे लोगों को जलभराव की समस्या से छुटकारा मिल सके।

ग्रामीणों का कहना है की थोड़ी सी बारिश से ही पानी घरों में आने लग जाता है, जिससे उन्हें काशी परेशानी उठानी पड़ रही है। लोगों ने बताया पिछले काफी समय से वही समस्या को लेकर उच्च अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को बता चुके हैं लेकिन अभी तक उन्हें इस समस्या से छुटकारा नहीं मिला है। वहीं सरपंच ने आश्वासन दिया कि जल्द ही उन्हें इस समस्या से छुटकारा दिलाया जाएगा।

क्षेत्र में दोपहर को हुई तेज बारिश से मौसम खुशनुमा हो गया। शहर में इस वर्ष सबसे ज्यादा बारिश हुई, जिससे पोखंडी में पानी की आवक हुई। करीब एक घंटे तक तेज हवाओं व गर्जना के साथ जमकर बारिश हुई। शहर के लोगों का कहना है कि पूरे शहर के लिए एक साल तक पीने का पानी पर्याप्त है। पोखंडी तालाब भी लगभग पानी से भर गया है। शाम को तालाबों में आने वाले पानी को देखने के लिए लोगों का तांता लगा रहा।

कुचेरा. शहर सहित क्षेत्र में मंगलवार को भी मूसलाधार बारिश का दौर जारी रहा। सुबह से ही आसमान में काली घटाएं छाए रहने व तेज उमस के बाद 11 बजे करीब बारिश का दौर शुरू हुआ। दोपहर बाद शहर सहित क्षेत्र के फिरोजपुरा, जुंजाला, गोतेड़ी, पातेली, रूपाथल, बोड़वा, अड़वड़, लूणसरा, भावला, बुटाटी धाम, आकेली बी, बच्छवारी, निम्बड़ी चादावतां, सूर्यनगर, विष्णुनगर, पुनास, चकढाणी, बिचपुड़ी, राजोद आदि गांवों में तेज बारिश हुई। जिससे निचले इलाकों में पानी भरने लग गया।

वहीं कई निचले रास्ते व सड़कों पर पानी जमा हो जाने से वे तलैया बन गए। पिछले करीब एक सप्ताह से क्षेत्र में चल रहे मूसलाधार बारिश के दौर के चलते नाडी तालाबों में पानी की तेज आवक हो गई है। लगातार तेज बारिश से क्षेत्र के मौसम में बदलाव के चलते आमजन को भीषण गर्मी व उमस से राहत मिली है।

तहसील बारिश एमएम
मूंडवा 52
डीडवाना 49
जायल 24
खींवसर 19
नावां 24
डेगाना 27
(नाेट- बारिश सुबह 8 से शाम 8 बजे तक)

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