मौसम ने फिर बदला मिजाज:दिनभर खुश्क रहने के बाद रात को घुली ठंडक, तड़के से फिर रिमझिम शुरू, मालवा-निमाड़ के अधिकांश हिस्सों में छाए बादल
इंदौर तीन दिन से दिनभर में अलग-अलग दौर में हो रही बारिश का सिलसिला शुक्रवार को दिनभर न केवल रुका बल्कि तेज धूप निकलने के साथ मौसम खुश्क रहा। मौसम वैज्ञानिकों ने 19 व 20 सितंबर को बारिश की संभावना जताई है लेकिन शुक्रवार रात 10 बजे से मौसम में ठंडक घुलने लगी जो रातभर रही। फिर तड़के रिमझिम शुरू हो गई जो सुबह तक जारी था। हालांकि मौसम के बन रहे सिस्टम के तहत शनिवार को बारिश के आसार नहीं हैं लेकिन इंदौर सहित मालवा-निमाड़ के अधिकांश हिस्सों में बादल छाए हुए हैं।
इस मौसम में अब बारिश के 12 दिन ही बचे हैं जबकि औसतन कोटे (34-35 इंच) के लिए 6 इंच बारिश की जरूरत है। ऐसे में अगर 19-20 सितंबर को बारिश होती है तो काफी राहत मिल सकती है लेकिन मौसम के बनते बिगड़ते सिस्टम के तहत अभी कुछ भी कहना मुश्किल है। जहां तक यशवंत सागर, बड़ा बिलावली, छोटा बिलावली, पीपल्याापाला, सिरपुर तालाब के जल स्तर का अच्छा हो गया लेकिन अभी भी यशवंत सागर के सभी सायफन इस बार नहीं खुल सके हैं। दो दिन पहले रात को एक सायफन कुछ घंटों के लिए खोला गया था लेकिन बारिश रुकने के बाद उसे फिर बंद कर दिया गया। इसका कारण है कि इस मौसम में कभी 3 घंटे से ज्यादा मूसलधार बारिश नहीं हुई।
मौसम वैज्ञानिक (एग्रीकल्चर कॉलेज) डॉ. एचएल खापडिया ने बताया कि इन दिनों अरब सागर व बंगाल की खाड़ी में द्रोणिका बनने से इसका असर गुजरात के साथ मप्र के कुछ हिस्सों में रहेगा। इसके चलते इंदौर, धार, झाबुआ, खंडवा, खरगोन आदि स्थानों पर दो दिन अच्छी बारिश के आसार हैं। उधर, इस बार की बारिश से सोयाबीन की बाद की बोवनी की गई सोयाबीन की नई वैरायटियों की फसलों को अच्छी ग्रोथ मिल गई है। अब अगर बाकी दिन रिमझिम बारिश होकर नमी भी रहती है तो कोई नुकसान नहीं है। ऐसे ही तालाबों बाकी 12 दिनों में तालाब भी पूरी तरह भर जाते हैं तो अक्टूबर-नवम्बर में मालवा-निमाड़ को रबी की फसलों के लिए अन्य जलस्त्रोतों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।