मध्य प्रदेश के करीब सवा लाख प्राथमिक विद्यालयों में आज से फिर चहल-पहल
भोपाल । कोरोना काल में डेढ़ साल बाद प्रदेश के करीब सवा लाख प्रायमरी स्कूल आज से पुन: खुल रहे हैं। इसमें सरकारी व निजी 83 हजार 890 और सीबीएसई के करीब 40 हजार स्कूल शामिल हैं। अभिभावकों की सहमति से ही बच्चों को स्कूल में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। निजी स्कूलों में बस की सुविधा नहीं दी जाएगी, बल्कि अभिभावक लेने और छोड़ने जाएंगे। स्कूलों में कोविड गाइडलाइन का पालन अनिवार्य होगा। इसमें बच्चों को मास्क और सुरक्षित शारीरिक दूरी का पालन करना होगा। स्कूलों में सैनिटाइजर और हाथ धोने की व्यवस्था भी की जाएगी। सभी शिक्षकों और स्टाफ से टीकाकरण प्रमाणपत्र जमा करा लिया गया है। स्कूलों में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देना होगा।
राजधानी भोपाल में भी प्राइमरी स्कूलों को खोलने से पहले पूरी तैयारियां की गईं। जिला शिक्षा अधिकारी नितिन सक्सेना ने रविवार को बीआरसी की बैठक ली और स्कूलों में कोरोना गाइडलाइन का पालन करने के निर्देश दिए। स्कूलों और छात्रावासों में भारत सरकार और राज्य स्तर से जारी एसओपी और कोविड-19 गाइडलाइन का पालन किया जाएगा। विद्यार्थियों की आनलाइन कक्षाएं और डिजिटल माध्यम से पढ़ाई भी पहले की तरह जारी रहेगी। शिक्षकों का कहना है कि इस बार बच्चों के स्कूल पहुंचने पर सुरक्षा को लेकर उनकी भी जिम्मेदारियां बढ़ गई हैं, क्योंकि इस बार बहुत छोटे बच्चे हैं। इनका पूरा ध्यान रखना होगा।
निजी स्कूलों के करीब 30 फीसद अभिभावकों ने दी सहमति
एसोसिएशन आफ अनएडेड प्रायवेट स्कूल्स के उपाध्यक्ष विनीराज मोदी ने बताया कि प्रदेश के 20 हजार स्कूल खुलेंगे। छोटे बच्चों के लिए बस की सुविधा नहीं दी गई है। अभी तक 20 से 30 फीसद अभिभावकों ने सहमति दी है। 50 फीसद बच्चों को प्रत्येक कक्षा में बुलाया गया है और प्रत्येक कक्ष में 20 से अधिक बच्चे नहीं होंगे।
इन बातों को रखना होगा ध्यान
-स्कूलों में प्रार्थना सभा नहीं होगी।
-भोजन सभी बच्चे अकेले करेंगे।
– एक बेंच पर एक ही बच्चा बैठेगा।
-सभी के लिए मास्क लगाना अनिवार्य होगा।
– साफ-सफाई, सैनिटाइजेशन का पूरा ख्याल रखना होगा।
बीआरसी की बैठक बुलाकर स्कूलों में एसओपी का पालन करने के लिए सभी को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सोमवार को स्कूलों का निरीक्षण भी होगा।
– नितिन सक्सेना, जिला शिक्षा अधिकारी