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इस बार आठ दिन में होगा माता के नौ स्वरूपों का पूजन, साथ होगा माता चंद्रप्रभा और कुष्मांडा का पूजन

इंदौर । इस वर्ष सात अक्टूबर से शुरू हो रहे शक्ति की उपासना का पर्व शारदीय नवरात्र नौ नहीं बल्कि आठ दिन का होगा। इसके चलते माता के नौ स्वरूपों का पूजन आठ दिन में होगा। ऐसा चतुर्थी तिथि के क्षय होने से हुआ। इसके चलते नौ अक्टूबर को एक ही दिन माता चंद्रघंटा और मां कुष्मांडा का पूजन साथ होगा। ज्योर्तिविदों के मुताबिक श्राद्ध पक्ष 16 की बजाए 17 दिन होने से नवरात्र का एक दिन घट गया है। इस बार माता का आगमन डोली पर सवार होकर होगा।

ज्योतिर्विद् राजेश चौबे ने बताया कि अश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत छह अक्टूबर को शाम 4.35 बजे से होगी जो सात अक्टूबर को दोपहर 1.47 बजे तक रहेगी। इस दिन चित्रा नक्षत्र छह अक्टूबर को रात 11.20 से सात अक्टूबर को रात 9.13 बजे तक रहेगा। प्रतिपदा तिथि उदयाकाल में सात अक्टूबर को होने से इस दिन विधि-विधान से घट स्थापना की जाएगी। तृतीया तिथि नौ अक्टूबर को सुबह 7.49 बजे तक रहेगी।

इसके बाद चतुर्थी तिथि 7.50 से 10 को सुबह 4.56 बजे तक रहेगी। चतुर्थी तिथि किसी भी दिन सुर्योदय को स्पर्श नहीं कर रही है। इसके चलते इस बार चतुर्थी तिथि का क्षय हो रहा है। 14 अक्टूबर को नवमी तिथि के दिन मां सिद्धिदात्री का पूजन होगा। 15 अक्टूबर को एक मत से दशहरा मनाया जाएगा। काली मंदिर खजराना के आचार्य शिवप्रसाद तिवारी ने बताया कि इसबार तिथियों के घट-बढ़ के चलते आठ दिनों में नवदुर्गा के नौ स्वरूपों का पूजन होगा। मां दुर्गा के विधि-विधान से पूजन जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है।

चलति दर्शन होंगे, नहीं लगेगा मेला

बिजासन माता मंदिर के पुजारी सतीश वन ने बताया कि नवरात्र की तैयारियां शुरू हो गई। इस बार घट स्थापना के साथ हर दिन माता का मनोहारी शृंगार होगा। दर्शन की व्यवस्था चलित रहेगी। भक्त स्वयं प्रसाद चढ़ाएंगे। मंदिर से प्रसाद वितरण नहीं होगा। पिछले साल की तरह इसबार भी मेला नहीं लगेगा।

किस दिन होगा माता के किस स्वरूप का पूजन

– 7 अक्टूबर को पहले दिन शैलपुत्री का पूजन होगा।

– 8 अक्टूबर को दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी का पूजन किया जाएगा।

– 9 अक्टूबर को तीसरे दिन मां चंद्रघंटा और मां कुष्मांडा का पूजन होगा।

– 10 अक्टूबर को पंचमी तिथि को स्कंदमाता की पूजा की जाएगी।

– 11 अक्टूबर को षष्ठी तिथि पर मां कात्यायनी की पूजा होगी।

– 12 अक्टूबर को सप्तमी तिथि पर मां कालरात्रि का पूजन किया जाएगा।

– 13 अक्टूबर अष्टमी तिथि पर महागौरी का पूजन होगा।

– 14 अक्टूबर नवमी तिथि पर मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाएगी।

 

 

 

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