Wed. Apr 30th, 2025

सचिन को संगठन में जिम्मेदारी देने की तैयारी, राहुल गांधी से मुलाकात के बाद बदले सियासी समीकरण, पायलट खेमे की मांगों पर एक्शन के आसार

जयपुर राजस्थान कांग्रेस में चल रही खींचतान मिटाने के लिए कांग्रेस हाईकमान अब जल्द फैसले लेने की तैयारी में है। लंबे समय से लंबित चल रहे मंत्रिमंडल विस्तार और संगठनात्मक नियुक्तियों पर अब जल्द काम आगे बढ़ने के आसार हैं। सचिन पायलट को संगठन में जिम्मेदारी देना लगभग तय हो गया है। इसका रोडमैप बन चुका है। प्रदेश में बाकी फैसलों के साथ इसकी भी घोषणा होने के आसार हैं।

कांग्रेस की सरकार वाले राज्यों में राजस्थान ही ऐसा बचा है, जहां के झगड़ों को सुलझाना बाकी है। राजस्थान में झगड़ा सुलझाने के लिए सचिन पायलट और उनके खेमे के नेताओं की मांगों पर एक्शन लेने की तैयारी है। सचिन पायलट की 17 सितंबर को राहुल गांधी से दिल्ली में हुई मुलाकात के बाद अब जल्द फैसलों की संभावना जताई जा रही है। लंबे समय बाद हुई इस मुलाकात को काफी अहम माना जा रहा है। इस मुलाकात में पायलट ने अपने खेमे की मांगों के बारे में नए सिरे से रिकॉल करवाया है।

कांग्रेस हाईकमान राजस्थान को लेकर फैसले लेने से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ठीक होने का इंतजार कर रहा है। गहलोत के पूरी तरह स्वस्थ होते ही राजस्थान को लेकर कांग्रेस हाईकमान फैसले करेगा। बताया जा रहा है कि जल्द मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी दिल्ली बुलाकर चर्चा कर सकती हैं। ​इसके बाद बदलाव का रास्ता तैयार हो जाएगा।

पायलट की भूमिका पर मंत्रिमंडल विस्तार और संगठनात्मक नियुक्तियों के साथ ही फैसला
पिछले साल बगावत के बाद से सचिन पायलट कांग्रेस में किसी पद पर नहीं हैं। सचिन पायलट को अब संगठन में राष्ट्रीय स्तर का पद देने पर विचार चल रहा है। पायलट के समर्थक उन्हें सीएम या प्रदेशाध्यक्ष बनाने की मांग कर रहे हैं। फिलहाल संगठन में राष्ट्रीय स्तर पर पद देने के बारे में चर्चा है। पायलट को क्या जिम्मेदारी दी जाती है, इस पर फैसला मंत्रिमंडल विस्तार के आसपास ही हो सकता है।

पंजाब के घटनाक्रम से पायलट कैंप का मजबूत होने का दावा
पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाने के बाद से सचिन पायलट के समर्थकों को सियासी बदलाव का पॉइंट मिल गया है। पायलट समर्थक खेमा सियासी समीकरण अपने पक्ष में होने का दावा कर रहा है। पंजाब के घटनाक्रम के बाद पायलट समर्थक अनावश्यक बयानबाजी से बच रहे हैं, जबकि वे अब तक मुखर होकर विरोध करते रहे हैं। इस बार पायलट कैंप का शांत होकर इंतजार करना किसी भावी बदलाव की आहट माना जा रहा है।

अजय माकन कह चुके, पायलट पर फैसला हाईकमान के हाथ
प्रदेश प्रभारी अजय माकन भी कह चुके हैं कि सचिन पायलट को जिम्मेदारी पर फैसला करना हाईकमान के अधिकार क्षेत्र का मुद्दा है। इस मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के स्तर से फैसला होना है।

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