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सीमा पर सैन्य संघर्ष ने घटाया भरोसा LIC के IPO में चीन के निवेश को रोकना चाहती है सरकार, रणनीतिक रूप से अहम कंपनियों में नहीं चाहती चाइनीज इनवेस्टमेंट

सरकार देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (LIC) के IPO में चीन के निवेशकों के पैसा लगाने पर रोक लगा सकती है। सरकारी और बैंकिंग सूत्रों ने बताया कि वह दोनों देशों के बीच चल रहे सीमा विवाद के चलते भारत सरकार ये कदम उठा सकती है।

बीमा बाजार में कंपनी की 60% से ज्यादा हिस्सेदारी

घरेलू बीमा बाजार में LIC की 60% से ज्यादा हिस्सेदारी है और यह 500 अरब डॉलर से ज्यादा के एसेट मैनेज कर रही है। सूत्रों ने बताया कि सरकार विदेशी निवेशकों को कंपनी के IPO में पैसा लगाने की इजाजत देने पर विचार कर रही है, लेकिन चीन के निवेश को लेकर असहज महसूस कर रही है।

सीमा पर संघर्ष के बाद बढ़ा था तनाव

पिछले साल सीमा पर सैन्य संघर्ष के बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया था। तब से भारत सरकार अपने संवेदनशील सेक्टर और कंपनियों में चीन के निवेश को सीमित करने में जुटी है। उसने चीन के कई मोबाइल ऐप पर बैन लगा दिया था और वहां से मंगाए जाने वाले सामान पर निगरानी बढ़ा दी थी।

जोखिम भरा हो सकता है LIC में चीन का निवेश

एक सरकारी सूत्र ने कहा, ‘सीमा पर चीन के साथ सैन्य संघर्ष के बाद कारोबारी स्थिति सामान्य नहीं रह सकती। अविश्वास काफी बढ़ा है।’ उन्होंने कहा कि LIC जैसी कंपनियों में चीन का निवेश जोखिम भरा हो सकता है। उसके निवेश को कैसे रोका जा सकता है, इस बाबत फिलहाल विचार विमर्श हो रहा है।

IPO से 90,000 करोड़ जुटा सकती है सरकार

बजट में प्रस्तावित खर्च को अच्छे से मैनेज करने के लिए सरकार इस वित्त वर्ष में LIC के IPO से 90,000 करोड़ रुपए जुटा सकती है। इसके लिए सरकार कंपनी में अपनी 5 से 10% तक हिस्सेदारी बेच सकती है। हिस्सेदारी एक बार या दो किस्तों में बेची जाएगी, फिलहाल तय नहीं हुआ है।

LIC से जुड़े FDI के कानून में बदलाव हो सकता है

मौजूदा नियमों के हिसाब से विदेशी निवेशक LIC में निवेश नहीं कर सकते, लेकिन सरकार इसके IPO में उन्हें 20% तक शेयर खरीदने की इजाजत दे सकती है। चीन के निवेश को रोकने के लिए सरकार LIC से जुड़े FDI के मौजूदा कानूनों में बदलाव कर सकती है या नया कानून बना सकती है।

कॉर्नरस्टोन इनवेस्टर बनने पर रोका जा सकता है

बैंकिंग सोर्स और एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि सरकार तीसरे तरीके पर भी विचार कर रही है। इसके तहत वह IPO में चीन के निवेशकों के कॉर्नरस्टोन इनवेस्टर बनने पर रोक लगा सकती है। लेकिन इससे उन्हें खुले बाजार से कंपनी के शेयर खरीदने से रोका नहीं जा सकेगा।

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