सोलर एनर्जी प्रोडक्शन में नम्बर-1 बना राजस्थान:रिन्युएबल एनर्जी मिनिस्ट्री की रिपोर्ट, 7738 मेगावाट बिजली बनाई, 10 हज़ार करोड़ का रिकॉर्ड निवेश
राजस्थान सोलर एनर्जी के प्रोडेक्शन में देश का नम्बर-1 राज्य बन गया है। भारत सरकार की रिन्युएबल एनर्जी मिनिस्ट्री की रिपोर्ट में राजस्थान 7737.95 मेगावाट सोलर एनर्जी की क्षमता हासिल करके कर्नाटक को पीछे छोड़ते हुए देश में टॉप पर आ गया है। कोविड के कठिन हालातों के बावजूद पिछले 8 महीनों में ही राजस्थान में 2348.47 मेगावाट नई सौर ऊर्जा की क्षमता हासिल की गई है। इस पीरियड में रिकॉर्ड 10 हजार करोड़ रुपए का निवेश भी इस सेक्टर में हुआ है।
मुख्यमंत्री ने नई सौर ऊर्जा नीति-2019 में की थी जारी
राजस्थान को सौर ऊर्जा का हब बनाने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नई सौर ऊर्जा नीति-2019 जारी की थी। इसके साथ ही राजस्थान निवेश प्रोत्साहन स्कीम-2019 में इस क्षेत्र के लिए विशेष प्रावधान किए गए। सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने की नीतियों का यह नतीजा माना जा रहा है कि राजस्थान इस क्षेत्र में देश-दुनिया के इनवेस्टर्स की पसंदीदा डेस्टिनेशन बना गया है। राजस्थान ने 2021 में सौर ऊर्जा के ग्राउण्ड माउन्ट, रूफ टॉप और ऑफ ग्रिड सहित सभी क्षेत्रों में प्रोग्रेस दर्ज की है। एमएनआरई की रिपोर्ट में गुजरात 5708 मेगावाट क्षमता के साथ तीसरे, तमिलनाडु 4675 मेगावाट क्षमता के साथ चौथे,आंध्र प्रदेश 4380 मेगावाट के साथ पांचवें स्थान पर है।
ग्रीन एनर्जी–क्लीन एनर्जी के क्षेत्र में राजस्थान को बढ़त
ग्रीन एनर्जी-क्लीन एनर्जी के क्षेत्र में राजस्थान को आगे बनाने के लिए राज्य की सोलर एनर्जी पॉलिसी -2019 निवेशकों के लिए काफी अहम रही है। साथ ही, रिप्स-2019 के प्रावधानों से प्रदेश में सोलर एनर्जी के क्षेत्र में बड़ा बदलाव आया है। नीति के तहत अप्रैल 2021 में प्रदेश में हाईब्रिड एनर्जी के क्षेत्र में 34 हजार 200 करोड़ रुपए के कस्टमाइज्ड निवेश प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इनमें से अधिकतर सोलर एनर्जी से संबंधित हैं। सोलर एनर्जी प्रोडक्शन में राजस्थान की ज्योग्राफिकल कंडीशन काफी अनुकूल हैं। प्रदेश में 142 गीगावाट सोलर एनर्जी प्रोडक्शन का आंकलन किया है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार काम कर रही है। योजना के तहत 2024-25 तक 30 गीगावाट सोलर एनर्जी प्रोडक्शन का टारगेट तय किया गया है।