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सुखाड़िया यूनिवर्सिटी में पढ़ाया जाएगा आर्किटेक्चर:राजस्थान का पहला सरकारी संस्थान जिसमें आर्किटेक्चर की बैचलर डिग्री मिलेगी, इस साल पहले सेशन में 40 सीटों से होगी शुरूआत

उदयपुर मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी में बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर पाठ्यक्रम इसी सेशन से शुरू होने जा रहा है। आर्किटेक्चर काउंसिल ऑफ इंडिया ने गुरुवार को इस संबंध में स्वीकृति जारी कर दी। यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर अमेरिका सिंह ने बताया कि पहले चरण में कुल 40 सीटों की स्वीकृति मिली है। इसके साथ सुखाड़िया यूनिवर्सिटी राजस्थान की पहली ऐसी सरकारी संस्थान बनेगी जहां आर्किटेक्चर पढ़ाया जाएगा। अबतक यह कोर्स निजी कॉलेज या यूनिवर्सिटीज में पढ़ाया जाता है।

सुखाड़िया यूनिवर्सिटी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए किए जा रहे प्रयासों के तहत बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर पाठ्यक्रम की शुरुआत मील का पत्थर साबित होगी। यह यूनिवर्सिटी के लिए एक बड़ी उपलब्धि का विषय है। आर्किटेक्चर काउंसिल ऑफ इंडिया से प्राप्त अनुमति के तहत इसी सत्र से यह पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा। प्रो. सिंह कहते हैं कि वे अभी दिल्ली दौरे पर हैं और विवि में विभिन्न नए पाठ्यक्रमों के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। इसमें सेंटर फॉर रिहैबिलिटेशन डिसेबिलिटी लाने की भी पूरी कोशिश की जा रही है।

बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर।
बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर।

प्रो सिंह ने बताया कि यह आदिवासी अंचल के लिए बहुत गर्व का विषय है इससे इस संभाग के आदिवासी बच्चों को पूरा लाभ मिलेगा। कुलपति प्रोफेसर सिंह ने आर्किटेक्चर काउंसिल ऑफ इंडिया को इस स्वीकृति के लिए आभार व्यक्त किया है। साथ ही कहा कि भविष्य में इस पाठ्यक्रम को और ऊंचाइयों पर ले जाया जाएगा। यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार सीआर देवासी ने कहा कि बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर की स्वीकृति यूनिवर्सिअी के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। हम सब लोग मिलकर यह प्रयास करेंगे कि यूनिवर्सिटी में यह पाठ्यक्रम गुणवत्तापूर्ण तरीके से संचालित हो और इसका लाभ अधिक लोगों तक पहुंचे।

बता दें कि हाल ही में यूनिवर्सिटी में फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग शुरू किया गया है जिसमें बीटेक के विभिन्न पाठ्यक्रमों को पढ़ाया जाएगा। वित्त नियंत्रक दलपत सिंह राठौड़ बताते हैं कि यह पाठ्यक्रम विद्यार्थियों के लिए रोजगार और करियर की दृष्टि से बेहतर साबित होगा। साथ ही यूनिवर्सिटी इसे महत्वपूर्ण बनाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी, ताकि कोई आर्थिक संकट नहीं आने दिया जाए।

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