इंदौर। नगर निगम द्वारा एंटी भू माफिया अंतर्गत कार्रवाई करते हुए सोमवार को पिपल्याराव स्थित श्री गुटकेश्वर महादेव मंदिर की जमीन सर्वे नंबर 393 रकबा 1.2630 की जमीन पर भूमाफियाओं द्वारा अवैध तरीके से प्लॉट काटकर बेच दिए गए। जिस पर हो चुके लगभग सात निर्माणों को नगर निगम द्वारा जमीन खाली कराई गई है। मंदिर की जमीन की कुल कीमत पांच करोड़ है।
दरअसल, पिपल्याराव में गणेशधाम नाम की कालोनी अवैध तरीके से बसाई गई है। इसके कालोनाइजर मिथुन सोलंकी, दिनेश मेहता और महेश कुमावत ने न तो नक्शा पास कराया और न ही कोई शासकीय अनुमति ली है। कालोनी से लगी मंदिर की 1.2 हेक्टेयर जमीन पर भी उनकी नजर थी। उन्होंने इसमें से करीब 30 हजार वर्गफीट जमीन पर भी प्लाट काटकर बेच दिए। इस तरह पैसे के लालच में कालोनाइजरों ने मंदिर की जमीन भी नहीं छोड़ी। निर्माणधीन मकान को तोड़ने के साथ बचे हुए मकानों को नोटिस देकर 15 दिवस में जमीन खाली करने एवं संबंधित कालोनाइजर से अपनी राशि वसूल करने अन्यथा रजिस्ट्री क्रेता कालोनाइजर के खिलाफ एफआइआर भी दर्ज करा सकते हैं। इसके अलावा इस भूमि से लगी हुई जमीन सर्वे नम्बर 395/1 रकबा 1.1870 पर कटी अवैध कालोनी पर एफआइआर दर्ज कराई जा रही है। उधर जहरीली शराब से मौत के बाद चर्चाओं में आए मरीमाता चौराहा स्थित सपना बार को भी ध्वस्त कर दिया गया है। नगर निगम के अनुसार सपना बार का मालिक विकास उर्फ कालू पिता गोपाल बरेड़िया निवासी तीन दुर्गा कॉलोनी मरीमाता चौराहा है। यह बार करीब 1150 स्कवेयर फीट पर जी प्लस वन आकार का बना हुआ था।
शासकीय मंदिरों की जमीन की देखरेख अब नगर निगम के जिम्मे
शहर में स्थित शासन संधारित मंदिरों की संपत्ति और जमीनों को अवैध कब्जे बचाने के लिए जिला प्रशासन अपनी निगरानी और सुरक्षा बढ़ाने जा रहा है। शहर के 105 मंदिरों की 500 एकड़ से अधिक जमीन की देखरेख अब नगर निगम को सौंपी जा रही है। पहले इन जमीनों का सीमांकन किया जाएगा फिर यहां से अवैध कब्जे हटाकर बाउंड्रीवाल कर इन्हें सुरक्षित किया जाएगा। इन मंदिरों के लिए प्रशासक तो एसडीएम ही रहेंगे, लेकिन जमीनों की सुरक्षा के लिहाज से निगम की भी मदद ली जाएगी। प्रशासन ने यह फैसला इसलिए लिया है कि शहरी सीमा में निगम कार्य करता है। शहर की शासकीय जमीनें निगम के पास ही हैं, इसलिए मंदिरों की जमीन की सुरक्षा वह बेहतर तरीके से कर पाएगा। निगम के पास अवैध कब्जे हटाने का अमला तो है ही, शहर के हर इलाके में जोन कार्यालय और निगरानी तंत्र भी है। प्रशासन के पास इस तरह अलग से कोई अमला नहीं है। इसीलिए प्रशासन के साथ ही निगम मंदिरों की शासकीय जमीन और संपत्ति की सार-संभाल ठीक से कर पाएगा। इस मामले में कलेक्टर मनीषसिंह ने एक प्रस्ताव तैयार किया है। जल्द ही इस संबंध में आदेश जारी किया जाएगा।
इसलिए लेना पड़ा निर्णय
दरअसल, पिपल्याराव में गुटकेश्वर महादेव मंदिर की जमीन पर कालोनाइजरों द्वारा अवैध कब्जा कर प्लाट बेचने और उस पर मकान बन जाने के बाद प्रशासन ने मंदिरों की जमीनों को गंभीरता से लिया है। शहर में कई जगह मंदिरों की जमीन इसी तरह खुर्द-बुर्द हो रही है। प्रशासन के साथ ही नगर निगम मिलकर मंदिरों की संपत्ति की देखभाल ठीक से कर पाएंगे।