भारतीय ओलिंपिक संघ भी खेमे में बंटा:आरओए की गुटबाजी में भारतीय ओलिंपिक संघ भी खेमे में बंटा
जयपुर राजस्थान ओलिंपिक संघ (आरओए) की गुटबाजी में भारतीय ओलिंपिक संघ (आईओए) दो-दो खेमे में बंट गया है। आरओए के अनिल व्यास गुट को आईओए के महासचिव राजीव मेहता का समर्थन है तो अरुण सारस्वत गुट को अध्यक्ष नरेन्द्र बत्रा का समर्थन है। तीन दिन पहले व्यास गुट ने मीटिंग की तो आरओए के कोषाध्यक्ष पर्यवेक्षक के रूप में वर्चुअली जुड़े थे। अब 3 अक्टूबर को जो मीटिंग सारस्वत गुट करने जा रहा है, उसके लिए बत्रा ने नेटबॉल फेडरेशन आफ इंडिया के हरिओम कौशिक को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है।
…तो क्या दोनों गुट चार पदों पर कराएंगे अलग-अलग चुनाव
व्यास गुट पहले ही 17 अक्टूबर को चार रिक्त पदों पर चुनाव की घोषणा कर चुका है। इस गुट का दावा है कि राजस्थान ओलिंपिक संघ के 1/3 सदस्य मिलकर मीटिंग कॉल करके निर्णय ले सकते हैं। इसलिए उन्होंने मीटिंग की और संघ के महासचिव अरुण सारस्वत के अधिकार फ्रीज कर दिए थे। इस मीटिंग को भारतीय ओलिंपिक संघ के अध्यक्ष नरेन्द्र बत्रा ने अवैध करार दिया है। पिछली मीटिंग आरओए के कुछ गुमराह लोगों द्वारा बुलाई गई थी, जिसे आईओए अमान्य करार देता है। इस पत्र की कॉपी धनराज चौधरी, आईओए, आरओए और महासचिव, भारतीय नेटबॉल संघ, आईओए
महासचिव राजीव मेहता को भी भेजी गई है।
कुछ लोग पद पाने के लालच में ऐसा कर रहे हैं। ये कुछ ही लोग हैं। इनके पास बहुमत नहीं है। उन्हें ऐसा करने का कोई अधिकार नहीं है। उनकी मीटिंग को न तो आईओए से न ही आरओए से मान्यता है। – अरुण सारस्वत, महासचिव, आरओए
हमारी मीटिंग संवैधानिक थी। 1/3 सदस्य रिक्वीजिशन से मीटिंग बुला सकते हैं। हमारी मीटिंग में आईओए का पर्यवेक्षक भी जुड़ा था। हमने मीटिंग में सिर्फ 4 पदों पर चुनाव कराने का ही निर्णय ही लिया है। ये मांग हम जनार्दन सिंह गहलोत के निधन के बाद से कर रहे थे लेकिन महासचिव मीटिंग नहीं बुला रहे थे तो हमें मीटिंग बुलानी पड़ी। –अनिल व्यास, उपाध्यक्ष, आरओए