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फार्मेसी शिक्षा:डिप्लोमा इन फार्मेसी के सिलेबस में तीस साल बाद हुआ बदलाव, स्टूडेंट्स पढ़ेंगे सोशल फार्मेसी और फार्माकोथेरेप्टिक्स

जयपुर फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया, नई दिल्ली ने एजुकेशन रेग्युलेशन-2020 के तहत नया सिलेबस जारी किया है। संस्थान की रजिस्ट्रार कम सचिव अर्चना मुदग्ल का कहना है कि संस्थानों में यह सिलेबस सत्र 2021-22 से लागू होगा। इसके तहत डिप्लोमा इन फार्मेसी का कोर्स करने वाले स्टूडेंट्स को अब सोशल फार्मेसी के तहत टीकाकरण, जननी-शिशु सुरक्षा, परिवार कल्याण का पाठ पढ़ाया जाएगा।

डॉक्टर की लिखी स्लिप को पढ़ने, मेडिकल डिवाइस को मेन्टेन रखने के साथ पेशेन्ट काउंसलिंग का विशेष प्रशिक्षण भी मिलेगा। इसके अलावा दवा बनने से लेकर अस्पतालों में पहुंचने और मरीजों को दी जाने वाली डोज व साइड इफैक्ट के बारे में बताया जाएगा। स्वाइन फ्लू, कोरोना, निपाह वायरस और कांगो फीवर जैसी बीमारियों के बारे में छात्र पढ़ पाएंगे।

ये बदलाव हुए हैं सिलेबस में, थ्योरी पेपर 12 से घटकर 11 हुए

  • थ्योरी पेपर 12 से घटकर 11 व प्रैक्टिकल 9 से बढ़कर 10 हो गए।
  • सोशल फार्मेसी और फार्माकोथेरेप्टिक्स विषय जोड़े।
  • रनिंग मॉडल फार्मेसी लैब शामिल।
  • 80 क्रेडिट पॉइंट पर आधारित है सिलेबस।
  • पार्ट वन में फार्मास्यूटिक्स, फार्मास्यूटिकल केमिस्ट्री, फार्माकोलॉजी, ह्यूमन एनाटमी एंड फिजियोलोजी और सोशल फार्मेसी हैं। पार्ट-2 में फार्माकोलॉजी, कम्यूनिटी फार्मेसी एंड मैनेजमेंट, बायोकेमिस्ट्री एंड क्लीनिकल पैथोलॉजी, फार्माकोथेरेप्टिक, हॉस्पिटल एंड क्लीनिकल फार्मेसी, फार्मेसी ला एंड एथिक्स विषय शामिल हैं।
  • कम से कम 500 घंटे ( तीन माह) की ट्रेनिंग अनिवार्य है। केन्द्र व राज्य सरकार की ओर से संचालित अस्पतालों में प्रशिक्षण रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट की उपस्थिति में और काउंसिल से मान्यता प्राप्त मेडिकल स्टोर पर ले सकेंगे।
  • थ्योरी के 825, प्रैक्टिकल के 600, प्रैक्टिकल ट्रेनिंग के 500 घंटे और ट्यूटोरियल के 275 घंटे होंगे।
  • फील्ड विजिट अनिवार्य होगी।
  • फूड सेफ्टी एक्ट, क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट, कंज्यूमर प्रोटक्शन, ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स, फार्मेसी एक्ट, ड्रग्स एंड रेमेडीज, मेडिकल डिवाइस आदि भी इसका हिस्सा होंगे।

प्रदेश में संस्थानों की स्थिति

  • 93 मान्यता प्राप्त कॉलेज आरयूएचएस से
  • 15 के करीब निजी विश्वविद्यालयों की ओर से संचालित हैं डिप्लोमा कोर्स छात्रों के लिए
  • 5000+ स्टूडेंट्स कोर्स करते हैं हर साल
  • प्रदेश का एकमात्र सरकारी फार्मेसी संस्थान जयपुर में

कब होगा रजिस्ट्रेशन
नए सिलेबस के अनुसार विश्वविद्यालय की ओर से प्रमाण पत्र जारी करने के बाद ही पंजीकरण कराया जा सकेगा। आरयूएचएस के डिप्टी रजिस्ट्रार (परीक्षा) डॉ. राजेश यादव का कहना है कि पीसीआई की ओर से जारी डी-फार्मा के सिलेबस को विश्वविद्यालय सक्षम स्तर पर अनुमोदन के बाद लागू किया जाएगा।

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