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दिशा-निर्देश:बच्चों के संरक्षण और अधिकारों की योजनाएं कागजों में चला रहे अधिकारी: बेनीवाल

करौली राजस्थान राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने कहा है कि सभी बाल संरक्षण समिति के अध्यक्ष, सदस्य व अधिकारी बालकों के संपूर्ण विकास के साथ उनके संरक्षण में नवाचार करें। इससे बालकों का सर्वांगीण विकास हो सके। बालकों के अधिकार व कर्तव्यों के बारे में भी ज्यादा से ज्यादा प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए। बेनीवाल ने कहा कि सरकार बालकों के अधिकार व संरक्षण में बहुत कार्य कर रही है, लेकिन जमीनी हकीकत पर बालकों को इसका लाभ पहुंचाना हमारा काम है। इसलिए अधिकारी बालकों के संरक्षण व सुरक्षा के साथ कार्य करते हुए उन्हें हर संभव लाभांवित करें।

उन्होंने कहा कि उन्हें बालकों के उत्पीडन, गुमशुदा की बरामदगी व बालश्रम को लेकर शिकायतें मिलती रहती है। इनका समय परसमाधान करें।कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग ने आयोग अध्यक्षा को आश्वस्त किया कि वह बालकों के विकास व उत्थान के लिए सरकार की योजनाओं का हर संभव क्रियान्विति कराएंगे। इस मौके पर बाल कल्याण समिति करौली अध्यक्ष विनोद , राज्य आयोग सदस्य शिव भगवान नागा, एसपी मृदुल कच्छावा, समिति सदस्य फरीदा बानो शाह, ज्योति शर्मा, एडीएम परसराम मीणा, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी महावीर प्रसाद नायक, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी राजेन्द्र शर्मा, किशोर न्याय बोर्ड के माधव हरदैनियां सहित श्रम विभाग, चिकित्सा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग सहित कई विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

काल्पनिक बातें नहीं करेंअध्यक्ष बेनीवाल ने बैठक के दौरान बालकों के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के तहत लैंगिक अपराधों, बालकों के संरक्षण अधिनियम, पारिवारिक माहौल बनाने के लिए बाल मित्र नियुक्त करने, बाल संरक्षण समितियों का गठन, बालकों के लिए जागरूकता कार्यक्रम, शिक्षा का अधिकार अधिनियम, आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषण की स्थिति, शालापूर्ण शिक्षा, टीकाकरण, स्वास्थ्य जांच, पोषण एवं स्वास्थ्य आदि की प्रगति पर विस्तार से समीक्षा की। इस दौरान अधिकारियों से कहा कि वे बैठक में काल्पनिक बातें नहीं करें, जो हकीकत में है, वह ही बताएं।

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