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दाताबंदी छोड़ दिवस का 400वां साल:ग्वालियर में तीन दिन होने वाले कार्यक्रम में पंजाब से पैदल आएगा भक्तों का जत्था, CM हो सकते हैं शामिल

ग्वालियर किला स्थित गुरुद्वारा दाताबंदी छोड़ के 400 वर्ष पूरे हो रहे हैं। चौथी शताब्दी के विशेष अवसर पर इस बार तीन दिवसीय (4 से 6 अक्टूबर) कार्यक्रम भी विशेष होने वाला है। 4 अक्टूबर को कार्यक्रम की शुरूआत सर्वधर्म सभा के साथ होगी। इसके बाद विभिन्न कार्यक्रम होंगे। इसी दिन पंजाब से भक्तों का जत्था पैदल चलते हुए ग्वालियर किले पहुंचेगा। कोविड के बीच इस उत्सव को बढ़े ही व्यवस्थित ढंग से मनाने की प्लानिंग है।

एक साथ सभी लोग न आते हुए उनको तीन दिनों के अलग-अलग कार्यक्रम में बांटा गया है। इसमें देश भर से श्रद्धालु शामिल होने के लिए पहुंचेंगे। श्रद्धालुओं की संख्या कम रहे इसलिए आने वाली संगतों से सीमित संख्या में आने के लिए कहा गया है। इसके साथ ही कार्यक्रम के दौरान यहां वैक्सीनेशन कैंप भी लगाए जा रहे हैं। 50 हजार मास्क यहां आने वालों को बांटने के लिए तैयार रख लिए गए हैं। बिना मास्क के किसी को भी एंट्री नहीं होगी।

इस साल 400 साल हो रहे पूरे
मुगल बादशाह जहांगीर ने ग्वालियर किले में 52 राजाओं के साथ 6वें सिख गुरु हरगोविंद साहब को किले में कैद कर रखा था। जब सिख गुरु हरगोविंद सिंह को रिहा किया जा रहा था, तो उन्होंने अपने साथ 52 राजाओं को रिहा करने की शर्त रखी थी। इसके बाद उनके साथ सभी राजाओं को रिहा किया गया था। जब यह रिहा होकर अमृतसर पहुंचे, तो वहां दीपमाला की गई थी। इस दिन को सिख पंथ दाता बंदी छोड़ दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष दाताबंदी छोड़ दिवस को 400 साल पूरे हो रहे हैं।

ये होंगे कार्यक्रम
ग्वालियर किले पर दाताबंदी छोड़ गुरुद्वारा स्थित है। यहां पर 4 से 6 अक्टूबर तक तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। गुरुद्वारे के प्रवक्ता देविंदर सिंह के अनुसार कार्यक्रम की शुरुआत सर्वधर्म कार्यक्रम से की जाएगी। इसमें सभी धर्मों के धर्मगुरु उपस्थित होंगे और संदेश देंगे। इससे पहले घरों में गुरु ग्रंथ साहिब का सहज पाठ कर रहे श्रद्धालु यहां पर भोग डालेंगे। 5 और 6 अक्टूबर को 5 तख्तों से आने वाले जत्थेदार गुरुवाणी की व्याख्या करेंगे। इसके अलावा गुरुद्वारों के लिए लगातार सेवा करने वाले लोगों का सम्मान भी किया जाएगा।

शिवराज और सिंधिया भी हो सकते हैं शामिल
तीन दिवसीय दाताबंदी छोड़ गुरुद्वारा पर उत्सव में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी शामिल हो सकते हैं। जैसी अभी संभावना है उत्सव के पहले दिन 4 अक्टूबर को केन्द्रीय नागरिक उड्‌डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और 5 अक्टूबर को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह आ सकते हैं। गुरुद्वारे के प्रवक्ता देविंदर सिंह ने बताया कि ऐसा अभी बताया गया है, लेकिन औपचारिक घोषणा किसी के आने की नहीं हुई है।

यह है तैयारियां :

  • कार्यक्रम के लिए वाटरप्रूफ टैंट तैयार किया जा रहा है। यहां पर मुख्य कार्यक्रम होने के साथ ही संगतों से आए लोग भी बैठेंगे।
  • 35 अस्थायी कमरे बनाए जा रहे हैं, इनमें संगतों के प्रमुख लोगों के साथ आने वाले लोगों के रहने की व्यवस्था की जा रही है।
  • कार्यक्रम में आने वालों का वैक्सीनेशन कराने के लिए वैक्सीनेशन कैंप भी लगाया जाएगा।
  • कार्यक्रम में सेनिटाइजर का इंतजाम, 50 हजार मास्क भी बांटने के लिए रखे गए हैं। यह गुरुद्वारे के साथ-साथ आसपास भी कोई बिना मास्क का व्यक्ति दिखाई देगा उसे दिया जाएगा।
  • इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में विशेष लंगर रहेगा। इसमें मक्के की रोटी, सरसों का साग तथा पनीर की सब्जी भी रखी जाएगी।
  • मक्के की रोटी चूल्हे पर लकड़ियां जलाकर बनाई जाएगी। इसके लिए क्विंटलों लकड़ियों का इंतजाम अभी से कर लिया गया है।

भीड़ न हो, इसलिए अभी से पहुंचने लगीं नगर कीर्तन यात्राएं
दातबंदी छोड़ के 400 साल होने के उपलक्ष्य में किला स्थित गुरुद्वारे पर 3 दिवसीय कार्यक्रम के दौरान एक साथ नगर कीर्तन यात्राएं पहुंचने की वजह से भीड़ न हो इसलिए अभी से नगर कीर्तन यात्राएं आने लगी हैं। चीनौर, भितरवार और डबरा से नगर कीर्तन यात्राएं किले स्थित गुरुद्वारे में पहुंच चुकी हैं। यात्रा के आगे पालिकी साहिब के रूप में वाहन चल रहा था जिसमें गुरु ग्रंथ साहिब को स्थापित किया गया था। गुरुद्वारे के प्रवक्ता देविंदर सिंह का कहना है कि कोविड गाइड लाइन पालन हो सके इसलिए नगर कीर्तन यात्राएं पहले ही यहां पहुंच रही हैं ताकि मुख्य कार्यक्रम के दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ ज्यादा न हो और कोरोना गाइड लाइन का पालन किया जा सके।

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