सिद्धू का बार-बार बिगड़ना उनकी इमेज खराब कर रहा, कैप्टन के जाने से कांग्रेस के 4-5% वोट कट सकते हैं
पंजाब में जारी सियासी उठापटक और बदले समीकरणों में किस राजनीतिक दल के पास सत्ता की चाबी होगी तो किसको को होगा भारी नुकसान? कैप्टन अमरिंदर का कांग्रेस से दूर होना और BJP से उनकी नजदीकी की खबर… इन सबका क्या होगा असर? दैनिक भास्कर ने सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसायटीज (CSDS) के निदेशक और चुनाव विश्लेषक संजय कुमार ने ऐसे ही कई और सवालों को लेकर बातचीत की। पढ़िए क्या कहा उन्होंने-
सवाल: पंजाब में कांग्रेस में जो डेवलपमेंट हुआ है उससे वहां की पॉलिटिक्स पर क्या असर दिखेगा?
जवाब: जाहिर सी बात है कि कैप्टन के हटने से नुकसान सीधा कांग्रेस को होगा। फायदा अकाली दल और आम आदमी पार्टी को होगा। पंजाब में अकाली दल लंबे समय तक रहा है। लिहाजा लोग एक नई पार्टी को ट्राई करना चाहते हैं। विकल्प आम आदमी पार्टी के तौर पर मौजूद है। तो इस पूरे प्रकरण का फायदा आम आदमी पार्टी को होता दिख रहा है। पिछली बार का परफॉर्मेंस भी केजरीवाल की पार्टी का बेहतर था। आप सत्ता में आ सकती है।
सवाल: कैप्टन कांग्रेस के कितना प्रतिशत वोट डैमेज कर सकते हैं ?
जवाब: कैप्टन अमरिंदर कांग्रेस के 4-5 प्रतिशत वोट डैमेज कर सकते हैं और इतने वोट अगर कांग्रेस खोएगी तो यह अकाली और आप में बंटेगे। आम आदमी पार्टी में ज्यादा।
सवाल: अगर भाजपा में कैप्टन आते हैं या फिर वे अलग पार्टी बनाते हैं और फिर भाजपा से जुड़ते हैं तो इसका कुछ फायदा भाजपा को होगा?
जवाब: पंजाब में भाजपा कभी 6-7 फीसदी से ज्यादा वोट नहीं ला पाई है। सत्ता के करीब भी नहीं रही। कैप्टन अगर जुड़ भी गए तो भी बहुत ज्यादा फायदा नहीं पहुंचा पाएंगे। 6-7 फीसदी की जगह यह आंकड़ा 8-9 फीसदी हो जाएगा। पंजाब में कभी भाजपा की सियासी जमीन रही ही नहीं।
सवाल: क्या कृषि कानूनों की वजह से किसानों के मुद्दे पर घिरी भाजपा के लिए कैप्टन अमरिंदर कुछ कर पाएंगे?
जवाब: मैं फिर कह रहा हूं, भाजपा पंजाब में बहुत नुकसान और फायदे की स्थिति में नहीं है, लेकिन कैप्टन अगर आते हैं तो किसानों को साधने की कोशिश कर सकते हैं।
अब देखने वाली बात यह है कि किसान इनकी कितनी सुनेंगे। किसान जिस तरह से आंदोलन में अड़े हैं उसे देखकर लगता है कि वे किसी तरह का समझौता नहीं करना चाहते। अपनी मांग मनवाने के बाद ही वे हटेंगे।
सवाल: आप बार-बार कह रहे हैं कि कांग्रेस के नुकसान का फायदा आप को होगा, किस आधार पर आप यह कह रहे हैं?
जवाब: अकाली दल वहां लंबे समय तक सत्ता में रहा है। पंजाब में लोग नई पार्टी या बदलाव चाह रहे हैं। लिहाजा आम आदमी पार्टी पर दांव खेलेंगे। आम आदमी पार्टी दिल्ली में टिक कर काम कर रही है।
पंजाब में यह भी मैसेज है कि वह केंद्र से मोर्चा लेने वाली पार्टी है। राज्य के लिए लड़ने वाली पार्टी है। यही वजह रही कि आप का पिछली बार का परफॉर्मेंस भी वहां अच्छा था। यही सब वजहें हैं जो आम आदमी पार्टी को बढ़त देती हैं।
सवाल: कांग्रेस को सिद्धू के छोड़ने का नुकसान होगा, क्या वे आम आदमी पार्टी का रुख करेंगे?
जवाब: मैं कहता हूं कि सिद्धू अगर ऐसे ही अस्थिर रहे तो उनकी विश्वसनीयता खत्म हो जाएगी। छोटे छोटे मुद्दों पर सिद्धू का बिदकना उनकी इमेज को बहुत डैमेज करेगा। सिद्धू लगातार अस्थिर दिख रहे हैं। अगर वे आम आदमी पार्टी में जाने की सोचें भी तो इसका फायदा पार्टी को कम ही होता दिख रहा है। हालांकि, अभी तो उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है।