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मोबाइल टावर के लिए रिजर्व जमीन:डवलपर्स को नई कॉलोनियों में फैसिलिटी लैंड के तौर पर छोड़नी होगी भूमि, टाउनशिप पॉलिसी में प्रावधान

जयपुर मोबाइल टावर लगाने को लेकर राज्य सरकार ने एक अहम निर्णय किया है। राजस्थान में अब कहीं भी नई कॉलोनी बसाई जाएगी तो उसमें मोबाइल टावर लगाने के लिए अलग से जगह रिजर्व रखनी होगी। यह सरकार व निजी विकासकर्ता (टाउनशिप डवलपर्स) के दोनों की बसाई कॉलोनी के लिए जरूरी है। नगरीय विकास विभाग राजस्थान ने आज एक आदेश जारी करके राजस्थान टाउनशिप पॉलिसी में इसको लागू किया है।

सड़क, फुटपाथ, डिवाइडर या पार्क की जमीन पर लग रहे है टावर
देश में जब से 4G नेटवर्क की शुरुआत हुई है, तब से मोबाइल उपभोक्ताओं की संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ है। इसके बाद देशभर में 4जी नेटवर्क के लिए लाखों की संख्या में मोबाइल टावर लगाए गए जो अब भी लगातार जारी हैं। राजस्थान में अभी मोबाइल टावर के लिए किसी भी कॉलोनी या टाउनशिप में स्पेस रिजर्व नहीं है। इस कारण टेलीकॉम कंपनियां शहरों में लोगों के निजी घरों की छतों पर या सड़क पर बने डिवाइडर, ग्रीन स्पेस, फुटपाथ पर टावर लगा रही हैं। लोगों में इसको लेकर आपत्ति भी है, क्योंकि कंपनियां लोगों के घरों के बाहर बने फुटपाथ या ग्रीन कॉरिडोर की जमीन पर टावर लगा देती हैं।

20 से ज्यादा मकानों वाली कॉलोनी में जमीन छोड़ना जरूरी
नगरीय विकास विभाग के जॉइंट सेक्रेटरी मनीष गोयल की ओर से जारी आदेशों के मुताबिक भविष्य में अगर कोई डेवलपर एक हैक्टेयर से कम जमीन पर अगर कोई टाउनशिप या कॉलोनी विकसित करता है तो उसे मोबाइल टावर के लिए जमीन रिजर्व रखना जरूरी है। अगर एक हैक्टेयर से छोटी जमीन पर बसाई कॉलोनी में 20 या उससे कम भूखण्ड या मकान बनते हैं तो उस कंडीशन में जमीन रिजर्व छोड़ना जरूरी नहीं है।

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