टाउनशिप पॉलिसी-2010 में छूट:बिल्डर-खातेदार की योजना में अब मौका निरीक्षण जरूरी नहीं, ले-आउट प्लान से ही दे सकेंगे पट्टे
जयपुर राज्य सरकार ने टाउनशिप पालिसी 2010 में कई प्रकार की छूट प्रदान की है। अब बिल्डर या निजी खातेदार की योजनाओं में टोटल स्टेशन सर्वे के बाद पट्टा देने से पहले प्रत्येक भूखंड का मौका निरीक्षण करने की आवश्यकता समाप्त कर दी है। ऐसी योजनाओं में स्वीकृत ले आउट प्लान के आधार पर ही पट्टे दिए जा सकेंगे। सभी निकायों को इस आदेश अनुसार पट्टे देने के प्रावधान किए गए हैं।
राज्य सरकार ने इस तरह के 14 बदलाव टाउनशिप पाॅलिसी में किए हैं। पट्टा अभियान से पहले इनको लागू किया जाएगा। इसके अलावा बिल्डर या निजी खातेदार द्वारा 12.5 प्रतिशत रहन योग्य भूखंडों का टाउनशिप पाॅलिसी के अनुसार चार्टेड इंजीनियर द्वारा जारी किए गए अधिवास प्रमाण पत्र पर ही रहन मुक्त करने का प्रावधान है। लेकिन अब इन अधिवास प्रमाण पत्रों की जांच लगभग खत्म कर दी है।
5-10 प्रतिशत प्रकरणों में ही जरूरत पर जांच करवाई जा सकेगी। बाकी में सीधे ही रहन मुक्त किए जा सकेंगे। साथ ही मास्टर प्लान की सड़कों, बायपास, रिंग रोड आदि का डिमार्केशन या चिन्हीकरण अनिवार्य किया गया है। सभी शहरों और कस्बों में रिसोर्ट के लिए न्यूनतम पहुंच मार्ग 12 मीटर रखे जाने का प्रावधान किया है। सुविधा क्षेत्र के समतुल्य ली जाने वाली राशि अब आवासीय आरक्षित दर से लिया जाना तय किया गया है।
अनुमोदन: पहुंच मार्ग 40 फीट से किया 30 फीट
अनुमोदित योजनाओं में यदि किसी भूखंड तक पहुंच मार्ग 40 फीट उपलब्ध होना संभव नहीं हो तो ऐसे प्रकरणों में अब नगरीय निकाय अपने स्तर पर अनुमति दे सकेगा। लेकिन ऐसे पहुंच मार्ग की चौड़ाई 30 फीट से कम नहीं होगी। लिहाजा 30 फीट चौड़ी सड़क होने पर भी नियमन हो सकेगा।
किया पाबंद : बिना कैंप व बिना ब्याज देने होंगे पट्टे
प्राधिकरण द्वारा निजी विकासकर्ता की योजना में पट्टे लेने के आवेदन करने पर अब बिना कैंप और बिना ब्याज के सरकार द्वारा निर्धारित की गई दरों पर पट्टे देने होंगे। सभी निकायों को इसके लिए पाबंद किया है। कैंप की दिनांक के बाद आवेदन पर 15% की दर से ब्याज लेने को प्रावधानों के विरुद्ध बताया।