तीन महीने बाद जंगल सफारी शुरू:पहले दिन कुंभलगढ़ अभयारण्य में 180 लोगों ने की सफारी
राजसमंद तीन महीने के लंबे अंतराल के बाद कुंभलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य में पर्यटकों के लिए जंगल सफारी की शुरुआत शुक्रवार को केलवाड़ा से की। इस माैके पर प्रशासनिक और वन विभाग के अधिकारियाें ने जिप्सी चालकों और इकाे गाइड का माला पहना कर स्वागत किया। वही पहले दिन ही पर्यटकों में अच्छा खासा उत्साह देखा गया। क्षेत्रीय वन अधिकारी किशोर सिंह ने बताया कि पहले दिन ही 30 जिप्सियों में पर्यटकों ने अपने परिवार के साथ जंगल की सैर कर वन्यजीवों को देखा। 180 पर्यटकाें ने जंगल सफारी का आनंद लेकर सांभर, जंगली मुर्गे और अन्य वन्यजीवों को देखा।
क्षेत्रीय वन अधिकारी किशोर सिंह ने बताया कि इस बार जिप्सी शुल्क में बढ़ोतरी की है। इसमें जिप्सी संचालक पहले 2200 रुपए लेते थे। जिसमें अब 200 रुपए बढ़ाकर 2400 रुपए कर दिए हैं। इसके साथ ही इकाे गाइड के रेट में भी 50 रुपए की बढ़ोतरी की है। इनकी नई कीमत 350 रुपए हाेगी। इसके साथ ही वन विभाग की तरफ से जिप्सी एंट्री फीस 275 रुपए और प्रति व्यक्ति 75 रुपए के साथ 10 रुपए स्वच्छता शुल्क रहेगा।
वन विभाग, प्रशासन ओर जनप्रतिनिधियों ने दिखाई हरी झंडी
कुंभलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य में जंगल सफारी की पहली जिप्सी को सुबह 10 बजे हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर वन विभाग के डीएफओ फतेह सिंह राठौड़, एसडीएम जयपाल सिंह राठौड़, पूर्व विधायक गणेश सिंह परमार, हेरिटेज साेसायटी के सचिव कुबेर सिंह सोलंकी ने हरी झंडी दिखाकर स्वागत कर जंगल के लिए रवाना किया। इस दौरान शाहिद खान, रघुनाथ, राजेश जैन, राजू सिंह, शंकर सिंह दसाणा, देवी सिंह खरवड़ सहित जिप्सी चालक मौजूद रहे।
बारिश के तीन महीनों में बंद रहती है जंगल सफारी
कुंभलगढ़ अभयारण्य में तीन महीने जुलाई, अगस्त व सितंबर माह में बारिश के दिनों में कुंभलगढ़ जंगल सफारी आम पर्यटकों के लिए बंद रहती है। बारिश काल में पूरे प्रदेश के वन्यजीव अभयारण्य बंद रहते हैं। वहीं एक अक्टूबर से आम जनता के लिए जंगल सफारी शुरू कर दी जाती है।
जंगल में 20 किमी का ट्रैक
कुंभलगढ़ अभयारण्य में पर्यटकों को जंगल सफारी करवाने 20 किमी का ट्रैक बना है। पर्यटक बीड़ की भागल से लेकर आरेट तक जंगल सफारी करते हैं। इस दौरान कोठार बड़, छोटी ओदी, महुड़ी खेत, रंगबैरी, मिठ्ठी बेर, सांवलिया कुंड आदि प्वाइंट हैं। जहां वन्यजीव विचरण करते दिखाई देते हैं।