पवन ऊर्जा से बिजली उत्पादन की क्षमता घटी, जोधपुर डिस्कॉम को 1200 के बजाय मिल रही है महज 45 मेगावाट
जोधपुर कोयले कमी के साथ प्रदेश में इन दिनों मौसम में आए बदलाव के साथ थमी हवा की रफ्तार ने भी बिजली संकट को बढ़ा दिया है। हवा की रफ्तार बहुत कम होने से पवन चक्कियों के पंखे तक नहीं घूम पा रहे है। इस कारण पवन ऊर्जा से बिजली का उत्पादन भी न के बराबर हो रहा है। जोधपुर डिस्कॉम को अमूमन रोजाना 1200 मेगावाट बिजली पवन ऊर्जा के माध्यम से मिल रही थी। ऐसे में उसका काम आराम से चल रहा था। लेकिन हवा की धीमी रफ्तार के साथ वर्तमान में उसे सिर्फ 45 मेगावाट बिजली ही मिल पा रही है। ऐसे में जोधपुर डिस्कॉम के सारे समीकरण गड़बड़ा गए है।
जोधपुर डिस्कॉम की वर्तमान मांग करीब 900 लाख यूनिट है, लेकिन उपलब्धता घटकर सिर्फ 734 लाख यूनिट ही रह गई है। ऐसे में 166 लाख यूनिट को कंपन सैट करने के लिए बिजली कटौती करनी पड़ रही है। जोधपुर डिस्कॉम ने कल खुले बाजार से बिजली खरीदने के लिए 18.50 रुपए प्रति यूनिट तक की बोली भी लगाई थी, लेकिन इस दर पर कोई प्राइवेट कंपनी बिजली बेचने को तैयार नहीं हुई। ऐसे में उसके समक्ष संकट गहरा गया। हालांकि सौर ऊर्जा में कोई कमी नहीं आई है। जोधपुर डिस्कॉम को 2200 मेगावाट बिजली सौर ऊर्जा से मिल रही है।
बिजली की उपलब्धता में कमी गत कुछ दिनों से लगातार चल रही है। इतने दिनों तक जोधपुर डिस्कॉम अघोषित रूप से बिजली की कटौती कर काम चला रहा था। अब संकट ज्यादा बड़ा होने पर उसे घोषित रूप से कटौती करने का प्लान तैयार करना पड़ा। अधिकारियों का कहना है कि अगले कुछ दिन में मांग व आपूर्ति के अंतर को देखेंगे। यदि कोई सुधार होता नजर नहीं आया तो कटौती के कार्यक्रम को नए सिरे से रिव्यू कर तैयार करना पड़ेगा।
उल्लेखनीय है कि जोधपुर डिस्कॉम ने शुक्रवार से घोषित रूप से बिजली कटौती करने का निर्णय किया है। अघोषित रूप से बिजली में कटौती को क्रम कई दिन से चल रहा था। जोधपुर डिस्कॉम के ग्रामीण क्षेत्र में 3 से 4 घंटे तक की संभावित बिजली कटौती रहेगी। समस्त नगर पालिका क्षेत्र, जिला मुख्यालय छोड़कर में दिन के समय 1 घंटे की संभावित कटौती करने का निर्णय लिया गया है।