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प्रशासन शहरों के संग अभियान में लापरवाही और ढिलाई बरतने पर सख्त कार्रवाई को कहा

जयपुर राज्य सरकार के प्रशासन शहरों के संग अभियान की हवा निकलती नजर आ रही है। असल में 2 अक्टूबर से 31 मार्च तक चलने वाले इस अभियान को सरकार ने 10 लाख पट्‌टे देने का लक्ष्य लेकर शुरू किया था, लेकिन अब तक 35570 पट्‌टे ही जारी हो पाए हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने महत्वाकांक्षी अभियान में ढिलाई और लापरवाही बरतने पर नगरीय विकास एंव हाउसिंग डिपार्टमेंट (यूडीएच) और लोकल सेल्फ गवर्नमेंट (एलएसजी) के आला अफसरों को जमकर फटकार लगाई।

अभियान की ढीली प्रगति देखकर सीएम ने गहरी नाराजगी जताई और जिम्मेदार अफसरों को लताड़ लगाते हुए कहा कि इतने दिन अभियान चलने के बावजूद जिस तरह का ढीला काम चल रहा है, इसे कतई संतोषजनक नहीं माना जा सकता है। इतनी तैयारियों के बावजूद यह हालात है तो फिर आपको सोच लेना चाहिए। मुख्यमंत्री ने यूडीएच के प्रमुख सचिव और स्वायत्त शासन विभाग के सचिव को फटकार लगाते हुए तुरंत काम की गति बढ़ाने के निर्देश दिए।

लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश
मुख्यमंत्री ने अभियान की रफ्तार बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में अभियान की कामयाबी के आधार पर अधिकारियों की परफॉर्मेंस का आंकलन किया जाएगा। सभी अधिकारी अपनी स्किल का इस्तेमाल करके कमिटमेंट के साथ काम कर आमजन को राहत दें। अभियान में अच्छा काम करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों को मोटिवेट किया जाए और शिविरों में मिलने वाले आवेदनों के समय पर निस्तारण में लापरवाही बरतने वाले अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने अभियान की सफलता के लिए स्थानीय निकायों के सभापति, अध्यक्ष और पार्षदों का सहयोग लेने के निर्देश दिए।

10 लाख पट्‌टों का है लक्ष्य, अब तक 35570 पट्‌टे ही जारी हुए
प्रमुख शासन सचिव यूडीएच कुंजीलाल मीणा ने रिव्यू बैठक में मुख्यमंत्री को बताया कि नगरीय निकायों के माध्यम से अभी तक 35570 पट्टे ही जारी हुए हैं। इस पर गहरी नाराजगी जताते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि इस अभियान की प्रगति की रेग्युलर मॉनिटरिंग रोजाना खुद जिला कलेक्टर्स करें और आवेदनों के निस्तारण की प्रगति रिपोर्ट भी लें।

गहलोत ने कहा कि गरीबों को आवासों के पट्टे देकर उन्हें राहत देने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने 2 अक्टूबर से प्रशासन शहरों और प्रशासन गांवों के संग अभियान शुरू किए हैं। शिविरों का मकसद जहां तक संभव हो मौके पर ही समस्याओं के निस्तारण करना है। ऐसे में, अभियान में शामिल अलग-अलग विभागों के अधिकारी संवेदनशीलता और फुर्ती के साथ काम कर इसे कामयाब बनाएं।

कलेक्टर्स और जिम्मेदार अधिकारी व्यक्तिगत मौजूद रहकर करें मॉनिटरिंग
गहलोत ने जिलों के कलेक्टर्स से उनके जिलों में हुई प्रगति की जानकारी ली और पट्टा वितरण में आ रही कठिनाईयों के बारे में पूछा। उन्होंने कहा कि जिलों में अभियान के दौरान पट्टा वितरण और इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना के आवेदन की मंजूरी में आ रही दिक्कतों को सॉल्व करें। अलग अलग जिलों में आ रही परेशानियों और कोर्ट्स के समय-समय पर आए निर्णयों को लेकर मुख्य सचिव लेवल पर बैठक कर सभी निकायों और प्राधिकरणों को दिशा-निर्देश जारी करने के निर्देश दिए।

इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना से लोन देने की रफ्तार बढ़ाएं
गहलोत ने बिना गारंटी 50 हजार रुपए तक के बिना ब्याज के लोन देने के लिए शुरू की गई ‘इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना‘ को राज्य सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना बताया और कहा कि इसके तहत आने वाले आवेदनों की मंजूरी और निस्तारण की भी रफ्तार बढ़ाई जाए। उन्होंने रजिस्टर्ड स्ट्रीट वेंडर्स और लॉकडाउन के समय जिला कलेक्टर्स के जरिए अभावग्रस्त लोगों के सर्वे की सूची का इस्तेमाल करने को कहा,ताकि जरूरतमंद स्ट्रीट वेंडर्स और दूसरे लाभार्थियों की पहचान की जा सके।

उन्होंने बैंकों से भी चर्चा कर इस योजना के तहत मिलने वाली एप्लिकेशन की मंजूरी पात्रता के अनुसार तय समय सीमा में पूरी करने को कहा। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि जिन शहरी क्षेत्रों में आबादी 1 लाख से ज्यादा है, वहां जोनल प्लान की अनिवार्यता के कारण पट्टा वितरण में दिक्कतें आ रही हैं। जोनल प्लान बन जाने के बाद पट्टा वितरण के काम आसानी से हो सकेंगे।

धारीवाल ने चुटकी लेकर कहा तैयारी बैठकों में बता दिए थे दिशा-निर्देश, फिर लापरवाही क्यों
डीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि अभियान से पहले तैयारियों के रूप में संभाग स्तर पर हुई बैठकों में दिशा-निर्देशों के बारे में पूरी जानकारी दी गई थी।फिर लापरवाही क्यों बारती गई है। इन बैठकों में नगरीय निकायों के जिन अधिकारियों ने भाग लिया था, वे अपने मातहत अधिकारियों-कर्मचारियों को पट्टा वितरण की प्रक्रियाओं के बारे में पूरी जानकारी दें, ताकि आवेदनों के निस्तारण की स्पीड बढ़ाई जा सके। बैठक में शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, मुख्य सचिव निरंजन आर्य, प्रमुख शासन सचिव राजस्व आनंद कुमार, शासन सचिव स्थानीय निकाय विभाग सहित जिलों के कलेक्टर, सीईओ, ईओ और नगरीय निकायों के अधिकारी शामिल हुए।

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