बोनस की 50 फीसदी राशि नकद को बताया अपर्याप्त:शिक्षक संघ ने पूरा बाेनस देने की मांग को लेकर ज्ञापन दिया
सीकर राज्य सरकार इस बार बोनस राशि 6774 के नकद भुगतान के बजाय सिर्फ 50 प्रतिशत राशि नकद देने व शेष 50 प्रतिशत राशि जीपीएफ खाते में डालने के आदेश काे लेकर राज्य के करीब छह लाख कार्मिकों व शिक्षकों में नाराजगी है। आधे बोनस से कर्मचारियों के बच्चों का दिवाली मना पाना दूभर हो गया है। राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) ने सभी राज्य कार्मिकाें काे एकमुश्त पूरा बाेनस देने की मांग काे लेकर मुख्यमंत्री काे ज्ञापन दिया है।
राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) के प्रदेशाध्यक्ष संपतसिंह व प्रदेश महामंत्री अरविंद व्यास ने बताया कि राजस्थान में गत वर्ष 25 प्रतिशत व इस वर्ष 50 प्रतिशत बोनस दिया जा रहा है। कर्मचारियों द्वारा सत्रपर्यन्त अच्छे कार्यों की एवज में उपहार स्वरूप दिए जा रहे बोनस में से 50 प्रतिशत जीपीएफ में जमा करना कर्मचारियाें के साथ अन्याय है। संपतसिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने एकमुश्त बोनस नकद दिया है।
बोनस मुआवजे से कर्मचारियों के मनोबल, प्रेरणा और उत्पादकता को बढ़ावा मिलती है जो आगामी उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित कर सकता है। प्रदेश संगठन मंत्री प्रहलाद शर्मा ने कहा कि कभी छुट्टियां तो कभी वेतन, डीए, एरियर, नकद बोनस राशि भुगतान करने के परम्परागत आदेशों में, न्याय के प्राकृत सिद्धान्त के विपरीत फेरबदल कर नई-नई प्रथा बनाना शिक्षकों व कर्मिकों के साथ धोखा करने के समक्ष है।
संगठन के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष नवीन शर्मा व अतिरिक्त प्रदेश महामंत्री रवि आचार्य ने बताया कि मुख्यमंत्री काे ज्ञापन भेजकर पूरा बाेनस देने की मांग की गई है। वहीं राज्य में न्यू पेंशन स्कीम के तहत कार्यरत कार्मिकों व शिक्षकों के बढ़े डीए की राशि भी नकद भुगतान करने की मांग की है।