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प्रशासन गांवाें के संग अभियान:13%पट्टाें के आवेदनाें काे अपात्र मानते हुए 23 हजार से ज्यादा आवेदन निरस्त किए

जयपुर प्रशासन गांवाें के संग अभियान में पट्टा वितरण के 13 प्रतिशत आवेदकाें काे अपात्र मानते हुए लाेकल प्रशासन ने निरस्त कर दिया है। प्रदेश में 23 हजार से ऐसे आवेदन निरस्त हुए है। नियमाें में नहीं आने के चलते इनके पट्टे जारी नहीं हाेने की सूचना आवेदकाें दी जा रही है, जिसमें सर्वाधिक मामले टाेंक, अजमेर, दाैसा, भरतपुर, पाली और नागाैर के है। पूरे राज्य में गांवाें में पट्टा जारी करने की कुल औसत 83 प्रतिशत है। अभियान में एक लाख 78 हजार से अधिक लाेगाें ने पट्टाें के लिए आवेदन किया था। इनमें से 1 लाख 55 हजार आवेदकाें काे पात्र माना गया।

इन-इन कारणाें से अपात्र मानते हुए पट्टे जारी नहीं किए प्रशासन ने
पट्टाें के मामले में अपात्र माने जाने के मामलाें में वन विभाग की भूमि पर बसावट, कच्ची बस्ती जाे अनुमाेदित नहीं है। डूब क्षेत्र की बसावट का क्षेत्र, गैरमुमकीन पहाड़ के अलावा सुविधा क्षेत्र या अन्य प्रतिबंधित क्षेत्र में बसावट आदि कारणाें से पट्टे जारी करने से प्रशासन का इंकार किया है। इसकी सूचना ऑनलाइन, पत्र व्यवहार और व्यक्तिगत भी दी जा रही है।

रफ्तार बढ़ाने के लिए ये रणनीति अपना रही ब्याेराेक्रेसी : ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग के अफसराें ने हाल ही इस मामले में वीसी करके अधिकारियाें से कहा कि कहा कि घुमंतू, भूमिहीन, आवासीन परिवाराें काे फ्री पट्टे जारी करने का काम 100 प्रतिशत निपटाया जाए। साथ ही काम की रफ्तार काे बढ़ाया जाएं।

12 जिले औसत से बेहतर, 17 जिले पिछड़े : गांवाें में पट्टा जारी करने की कुल औसत करीब 83% है। एेसे में प्रदेश के 12 जिले कुल औसत से बेहतर है। इनमें बांसवाड़ा, कराैली, पाली, काेटा, टाेंक, अजमेर, जैसलमेर, राजसमंद, भरतपुर, नागाैर, दाैसा, और झालावाड़ का नाम शामिल है। औसत से पिछड़ने वाले जिलाें में जयपुर, बारां, श्रीगंगानगर जाेधपुर, जालाैर, चूरू, हनुमानगढ़, बूंदी, भीलवाड़ा, बीकानेर, बाड़मेर चित्ताैड़गढ़ सवाई माधाेपुर, सिराेही सीकर, झुंझुनूं और डूंगरपुर शामिल है।

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