मेवाड़ में कांग्रेस व बीजेपी की प्रतिष्ठा दांव पर:दाे उपचुनावों की हार-जीत से सरकार को फर्क नहीं, पर सियासी असर जरूर
जयपुर वल्लभनगर और धरियावद में दो सीटों पर हुए विधानसभा उपचुनाव के परिणाम 2 नवंबर को आएंगे। यह परिणाम प्रदेश की सरकार पर भले ही कोई असर न डाल पाएं, लेकिन राजनीति पर इनका असर देखने को मिलना संभव है।
यह उपचुनाव जहां राज्य सरकार के निर्णयों को सही या गलत साबित करेगा। वहीं, भाजपा में काफी समय से चली आ रही बड़े नेता की जंग को इन परिणामों से निर्णायक दिशा मिल सकती है। हालांकि इसमें ये भी तय हाे जाएगा कि मेवाड़ अब वर्चस्व किसका बढ़ रहा है।
लाज बचाने को बीजेपी के पास सिर्फ धरियावद, वल्लभनगर में पिछड़े
बीजेपी वल्लभनगर में पिछड़ती लग रही है। धरियावद में कांटे के मुकाबले में बीजेपी फंसी है। ऐसे में माना जा रहा है कि बीजेपी के पास लाज बचाने के लिए सिर्फ धरियावद ही है। अगर ये सीट भी हार गए ताे मेवाड़ से लेकर संगठन तक के नेताओं की वर्किंग पर सवाल खड़े हाेना लाजमी है। गाैरतलब है कि उदयपुर जिले की 8 विधानसभा सीटों में से फिलहाल 6 पर भाजपा काबिज है।
कांग्रेस के पास अभी एकमात्र खेरवाड़ा सीट है। अगर वल्लभनगर में कांग्रेस फिर जीतती है तो वह अपनी स्थिति बचाए रहेगी, लेकिन हारने की सूरत में उदयपुर में कांग्रेस और कमजोर हो जाएगी। प्रतापगढ़ जिले की 2 सीटों में से 1 पर फिलहाल कांग्रेस है। अगर दूसरी भी कांग्रेस जीतती है तो जिले की दोनों सीटों पर कांग्रेस काबिज हो जाएगी। वहीं बीजेपी के जीतने की सूरत में दोनों पार्टियों में 1-1 सीट बंट जाएगी।
बीजेपी व कांग्रेस का वर्चस्व बढ़ेगा या घटेगा
मेवाड़ की 28 विधानसभा सीटों में से फिलहाल कांग्रेस के पास 9 और भाजपा के पास 14 हैं। अगर कांग्रेस दोनों सीटें जीत लेती है तो उसे मेवाड़ में 2023 विधानसभा चुनाव में मजबूत होने का मौका मिलेगा। वहीं, अगर भाजपा जीतती है तो वो मेवाड़ में अपनी मजबूत पकड़ को साबित कर देंगे।
उपचुनावों के नतीजे तय करेंगे नेताओं का सियासी भविष्य
राजस्थान में दो सीटों के परिणाम का राजनीति पर असर साफ देखने को मिलेगा। वल्लभनगर और धरियावद में कांग्रेस के करीब एक दर्जन नेताओं ने चुनावी जिम्मेदारियां संभालीं। इनमें परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना, बीज निगम के पूर्व अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़, खान मंत्री प्रमोद जैन भाया, गणेश घोघरा, खेल मंत्री अशोक चांदना, पूर्व सांसद व सीडब्लूसी सदस्य रघुवीर मीणा के नाम शामिल हैं। उपचुनावों के नतीजों के बाद राजस्थान में गहलोत सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों की प्रक्रिया भी शुरू होनी है। मेवाड़ की 28 विधानसभा सीटों में से फिलहाल कांग्रेस के पास 9 और भाजपा के पास 14 हैं।