20 बेड का एनआईसीयू होगा शुरू:जनाना-महिला अस्पताल में 100-100 बेड के प्री-फेब्रिकेटेड वार्ड बनाए जाएंगे
जयपुर शहर के 2 बड़े अस्पतालों में आने वाले दिनों में मरीजों को बेड के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा। न ही वार्ड में संक्रमण का खतरा रहेगा। कोरोना, और मौसमी बीमारियाें के मद्देनजर महिला चिकित्सालय सांगानेरी गेट, चांदपोल स्थित जनाना अस्पताल में 100-100 बेड का प्री-फेब्रिकेटेड वार्ड बनाने की अनुमति मिल गई है।
जनाना अस्पताल अधीक्षक डॉ. पुष्पा नागर, महिला चिकित्सालय सांगानेरी गेट की अधीक्षक डॉ. आशा वर्मा का कहना है कि प्री-फेब्रिकेटेड वार्ड कम समय में बनकर तैयार हो जाता है। इसमें संक्रमण का खतरा नहीं रहता। बता दें कि सांगानेरी गेट स्थित महिला चिकित्सालय को डेडिकेटेड कोविड सेन्टर बनाया गया है।
गंभीर नवजात का जीवन बचाना आसान होगा
जनाना अस्पताल में गंभीर बीमारी से पीड़ित बच्चों के लिए 20 बेड का नियोनेटल इंसेटिव केयर यूनिट (एनआईसीयू) बनकर तैयार है। अगले माह से बच्चों को इसकी सुविधा मिलने लगेगी। इसी तरह महिला चिकित्सालय सांगानेरी गेट में आईसीयू से मरीज ठीक होने पर हाई डिपेन्डेसी यूनिट बनाना प्रस्तावित है। इससे महिला मरीजों की मॉनिटरिंग करना आसान होगा। इसमें सामान्य मॉनिटर लगे रहते हैं।
हाई डिपेन्डेसी यूनिट यहां
जयपुर के जिला, सीएचसी, अरबन सीएचसी में 31 हाई डिपेन्डेसी यूनिट स्थापित होगी। इनमें कोटपूतली, नारेड़ा, विराटनगर, जमवारामगढ़, पावटा, शाहपुरा, आंधी, आमेर, जालसू, खेजरोली, जामडोली, सामोद, मनोहरपुर, गोविन्दगढ़, जय सिंहपुराखोर, रामगंज, चाकसू, दूदू, बिचून, सांभर, फुलेरा, किशनगढ़-रेनवाल, सिरसी, कोटखावदा, बांसखो, बस्सी, फागी, बगरू, जोबनेर, नरैना, सांगानेर आदि। प्रदेश में 332 यूनिट प्रस्तावित हैं।
- मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में प्री-फेब वार्ड बनाना प्रस्तावित है। हाई डिपेन्डेसी यूनिट बनाने का भी निर्णय लिया है। – डॉ. रघु शर्मा, चिकित्सा मंत्री