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संसदीय सचिव बनाने की तैयारी:बसपा से कांग्रेस में आने वाले 5 विधायक, कांग्रेस-निर्दलीय विधायक बनेंगे संसदीय सचिव, पायलट समर्थकों को भी जगह

जयपुर मंत्री बनने से वंचित रहे विधायकों को अब संसदीय सचिव बनाकर संतुष्ट करने की तैयारी है। बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों को संसदीय सचिव बनाना तय है। तीन से चार निर्दलीय और पांच से सात कांग्रेस विधायकों को संसदीय सचिव बनाए जाने के आसार हैं। कांग्रेस हाईकमान से संसदीय सचिवों के नामों पर मंजूरी मिलते ही इनकी नियुक्ति की घोषणा हो सकती है। अभी संख्या तय नहीं है। अनुमान के अनुसार 15 के आसपास संसदीय सचिव बनाए जाने की चर्चा है।

गहलोत कैबिनेट में मंत्रियों की खाली जगह पूरी कर दी है। जगह कम होने से सभी दावेदारों को मंत्री नहीं बनाया जा सका है। बसपा से कांग्रेस में आने वाले, निर्दलीय और गहलोत समर्थक कुछ कांग्रेस विधायकों को अब संसदीय सचिव बनाकर संतुष्ट करने की रणनीति है। मंत्रिमंडल फेरबदल में जिलों को पूरा प्रतिनिधित्व नहीं मिला है। 14 जिले ऐसे हैं, जहां से कांग्रेस विधायक होते हुए भी एक भी मंत्री नहीं बनाया गया है। अब संसदीय सचिव बनाकर या बोर्ड निगम में राजनीतिक नियुक्तियां देकर सियासी पावर बैलेंस किया जाएगा। संसदीय सचिवों को मंत्रियों के अंडर में विभाग दिए जाएंगे।

बसपा से कांग्रेस में आने वाले ये 5 विधायक संसदीय सचिव

दीपचंद खैरिया, जोगिन्दर सिंह अवाना,संदीप यादव,लाखन सिंह और वाजिब अली को संसदीय सचिव बनाना तय माना जा रहा है। बसपा से कांग्रेस में शामिल होने वाले 6 विधायक मंत्री पद की दावेदारी कर रहे थे, लेकिन अब बदले सियासी हालात में सबको मंत्री बनाना मुश्किल था। केवल राजेंद्र गुढ़ा को राज्य मंत्री बनाया है।

ये निर्दलीय दौड़ में
निर्दलीय आलोक बेनीवाल, राजकुमार गौड़,कांति प्रसाद मीणा, रमिला खड़िया, लक्ष्मण मीणा दौड़ में हैं।

गहलोत समर्थक कांग्रेस विधायकों में ये दावेदार

रीटा चौधरी, चेतन डूडी, मदन प्रजापत, मनीषा पंवार, दिव्या मदेरणा,महेंद्र बिश्नोई के नामों पर चर्चा चल रही है। चेतन डूडी, दानिश अबरार और रोहित बोहरा पिछले साल बगावत के बाद पायलट को छोड़ गहलोत गुट में आ गए थे। दानिश अबरार काे सीएम का सलाहकार बनाया है। रोहित बोहरा के पिता प्रद्युम्न सिंह को राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति मिल चुकी है। चेतन डूडी अब संसदीय सचिन के दावेदार हैं।

पायलट समर्थकों में से ये दावेदार

राकेश पारीक, मुकेश भाकर, जीआर खटाणा, पीआर मीणा, इंदिरा मीणा, अमरसिंह जाटव,हरीश मीणा दावेदार है।

संसदीय सचिव में गहलोत के साथ पायलट कैंप के विधायकों को जगह मिलेगी

संसदीय सचिवों में सचिन पायलट समर्थक विधायकों को भी शेयरिंग फॉर्मूले के हिसाब से जगह मिलेगी। गहलोत कैंप के विधायक ज्यादा होंगे। पहली बार विधायक बनने वालों को ज्यादा मौका मिलेगा। पिछले साल बगावत के समय पायलट समर्थक विधायक राकेश पारीक को सेवादल अध्यक्ष और मुकेश भाकर को यूथ कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटा दिया था। अब दोनों को एडजस्ट किया जा सकता है।

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