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आरएसएस का स्वर साधक सगंम शुरू,अति प्राचीन एवं दुर्लभ वाद्य यंत्रो का प्रदर्शन बेहद प्रभावी ,कल आएंगे सरसंघचालक मोहन भागवत

ग्वालियर /राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मध्यभारत प्रांत के तीन दिवसीय स्वर साधक संगम का आज ग्वालियर में केदारधाम स्वरस्वती शिशुमंदिर परिसर में शुभारंभ हो गया। इस अवसर पर पारम्परिक अति प्राचीन एवं दुर्लभ वाद्य यंत्रो,भारतीय शास़्त्रीय गायको एवं वादको पर आधारित चित्र प्रदर्शनी का शुभारंभ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत संघचालक श्री अशोक पांडेय ने किया। उन्होंने इस अवसर पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए इस तीन दिवसीय घोष वर्ग के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

उन्होंने आज प्रारंभ हुई प्रदर्शनी के बारे में बताया कि प्रस्तुत प्रदर्शनी मूलतः भारतीय शास़्त्रीय गायको एवं वादको पर आधारित है।श्री पांडेय ने कहा कि
प्राचीन भारतीय राग न केवल प्रभावी अपितु अपनी विशिष्ठ शैली व निहित शक्ति के कारण पूरे विश्व में जाने जाते है। इन्ही पर आधारित प्रस्तुत प्रदर्शनी में चार प्रकार की विधाओं को लेकर प्रदर्शन किया गया है।

चार भागों में विभक्त  दुर्लभ वाद्य यंत्रो पर आधारित प्रदर्शनी  बनी आकर्षण का केन्द्र

पहले भाग में पारम्परिक अति प्राचीन एवं दुर्लभ वाद्य यंत्रो का प्रदर्शन किया
गया है , दूसरे भाग में देश के प्रख्यात गायको एवं वादको का जीवन परिचय चित्रंाकित किया गया है,
तीसरे भाग में ग्वालियर घराने के प्रसिद्व संगीतज्ञों का

जीवन परिचय चित्रमय झंाकी के द्वारा किया गया है जबकि चतुर्थ भाग में देशभर के प्राचीन वाद्यो का चित्रमय प्रदर्शन किया गया है साथ ही पंाचवे भाग में राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ की घोष यात्रा का इतिहास एवं रचनाओं के वादन को डिजीटल के माध्यम से दिखाया गया है।

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