केबल व मीडिया समूह डिजियाना ग्रुप और कोचिंग कौटिल्य अकादमी पर आयकर छापों की कार्रवाई में बड़ा खुलासा हुआ है। आयकर सूत्रों के मुताबिक डिजियाना ग्रुप के संचालकों घुम्मन बंधुओं ने बीते 4-5 सालों में 150 करोड़ रुपए की रेत का खनन करके उसे गुपचुप तरीके से बेचा और इस पर कोई टैक्स नहीं चुकाया। आशंका जताई जा रही है कि यह अवैध बिक्री 500 करोड़ रुपए तक पहुंच सकती है।

विभाग ने इंदौर के 22 लोगों से पूछताछ करके 35 करोड़ रुपए की बोगस शेयर बिक्री के प्रमाण भी हासिल कर लिए हैं। इनसे 2.5 करोड़ रुपए की नगदी बरामद हुई है। उधर, प्रशासनिक सेवाओं की कोचिंग देने वाले कौटिल्य एकेडमी के संचालकों के यहां से 25 करोड़ रुपए की गैर आनुपातिक आय के प्रमाण मिल चुके हैं।

आयकर सूत्रों के मुताबिक डिजियाना ग्रुप के संचालक तेजिंदर पाल घुम्मन और सुखदेव सिंह घुम्मन ने रेत खनन से अर्जित आय छिपाने के लिए उत्तर प्रदेश के बांदा के दो लोगों से लोन लेने की बात कही थी। आयकर की टीम जब इनके पास पहुंची तो पता चला कि ये लोन बोगस थे।

दोनों ने डिजियाना ग्रुप से नकदी लेकर उनके पास चेक जारी किए थे। इसके एवज में बड़ा कमीशन लिया था। इनमें से एक मंगल सिंह के यहां पहुंची आयकर टीम को करोड़ों रुपए की बेनामी संपत्ति के दस्तावेज भी मिले। इसके बाद मंगल के घर और उससे जुड़े लोगों के यहां छापेमारी की कार्रवाई बढ़ा दी गई। इसी तरह कोलकाता के पते वाली कई बोगस कंपनियों से भी बड़ी राशि मिलना बताया गया है। जांच में यह साबित हो चुका है कि इसमें अधिकांश लेनदेन बोगस थे।