जिला परिवहन कार्यालय:एक करोड़ की लागत से तैयार हो रहा ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रैक, तीन माह बाद ट्रायल होगा शुरू

बाड़मेर जिला परिवहन कार्यालय में अब जल्द ही ट्रायल ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रैक पर होगा। परिवहन कार्यालय में करीब एक करोड़ रुपए की लागत से ट्रैक तैयार हो रहा है। करीब तीन माह में काम पूरा हो जाएगा। इसके बाद ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रैक पर ट्रायल शुरू होगा। ड्राइविंग ट्रैक पर कैमरों की निगरानी में होगी। गणित के 8 और अंग्रेजी के एच पर गाड़ी चला कर दिखाना होगा, तभी लाइसेंस मिलेगा। नई व्यवस्था ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रैक तैयार होने के बाद लागू हो जाएगी। इससे वाहन चालकों को ट्रायल के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
कैमरों से होगी मॉनिटरिंग, मर्जी नहीं चलेगी
आरटीओ कार्यालय में दुपहिया और कार के ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के ट्रायल ऑटोमेटेड ट्रैक पर ली जाएगी। ट्रायल कार्य अब परिवहन निरीक्षक नहीं, बल्कि कैमरे करेंगे। कैमरे ड्राइविंग ट्रायल दे रहे लाइसेंस आवेदक के वाहन चलाने के तरीके का विश्लेषण करेंगे और सॉफ्टवेयर उसी अनुरूप परिणाम जारी करेगा। यदि वाहन सही तरीके से चलाया तो आवेदक को पास करार दिया जाएगा।
आगे क्या: प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी
जिला परिवहन अधिकारी संजीव चौधरी का कहना है कि ड्राइविंग लाइसेंस बनाने में ऑटोमेटेड ट्रैक पर कैमरों के जरिए ट्रायल लेने से प्रक्रिया पारदर्शी होगी। नई प्रक्रिया में परिवहन विभाग के निरीक्षकों का दखल नहीं रहेगा। लाइसेंस जारी करने का कार्य सॉफ्टवेयर पर निर्भर होगा। इस दौरान कोई सवाल भी नहीं उठा पाएगा। करीब एक करोड़ रुपए की लागत से ट्रैक तैयार हो रहा है।