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डा. भूपेन अध्यक्ष और डा. राजेंद्र बने महासचिव, यूओयू में शिक्षक संघ की नई कार्यकारिणी गठित

हल्द्वानी : उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में कुछ दिनों से शिक्षकों-कर्मचारियों व विवि प्रशासन के बीच तनातनी चल रही है। यहां तक कि शिक्षक व कर्मचारियों के दो पक्षों में रार भी सामने आ चुकी है। इसे लेकर एक दिन गेट बंद होने को लेकर हंगामा भी हो गया था। इस घटना के बाद सोमवार को शिक्षकों ने संघ की नई कार्यकारिणी गठित कर ली है। इसमें डा. भूपेन सिंह को अध्यक्ष व डा. राजेंद्र कैड़ा को महासचिव चुना गया है।
विवि सभागार में हुए कार्यक्रम में सर्वसम्मति से डा. शालिनी चौधरी को महिला उपाध्यक्ष, डा. सुमित प्रसाद को उपाध्यक्ष चुना गया। इसके अलावा डा. शालिनी सिंह व डा. द्विजेश को संयुक्त सचिव, डा. राजेश मठपाल, डा. मोहम्मद तारिक व डा. लता जोशी को उप सचिव बनाया गया है। डा. वीरेंद्र कुमार सिंह और डा. नागेंद्र गंगोला को कोषाध्यक्ष चुना गया है। अध्यक्ष डा. भूपेन ने कहा कि शिक्षकों के अधिकारों को लेकर किसी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा। किसी भी विश्वविद्यालय में पहला अधिकार विद्यार्थियों का होता है। उनके हितों को सबसे ऊपर रखा जाना चाहिए। महासचिव डा. कैड़ा ने कहा कि संघ विश्वविद्यालय के समग्र विकास को ध्यान में रखेगा। चुनाव के अंत में विश्वविद्यालय का गेट बंद करने पर भी विस्तार से चर्चा हुई।
विश्वविद्यालय में शिक्षक संघ की नई कार्यकारिणी गठित होने के दौरान 2017 में संघ में बने कुछ पदाधिकारी नहीं पहुंचे। इसे लेकर विश्वविद्यालय में कुछ शिक्षकों के बीच अंदरूनी तौर पर खींचतान की भी चर्चा है। वहीं कुछ दिन पहले गेट बंद होने के दौरान हुए हंगामे के बाद भी शिक्षक-कर्मचारियों के बीच रार सार्वजनिक हो चुकी है। नवनियुक्त अध्यक्ष डा. भूपेन सिंह का कहना है कि सभी शिक्षकों को आम सभा से लेकर चुनाव में आमंत्रित किया गया था। सर्वसम्मति से नई कार्यकारिणी गठित हुई है।

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