शिक्षा की रैंकिंग में चूरू दूसरे नंबर पर:जयपुर से 5 अंकों से पिछड़ा, पिछले महीने जिला टॉप पर था,
चूरू एक साल में चूरू 8 बार शिक्षा की रैंकिंग में पहले नंबर पर रहने के बाद नवंबर में तीसरी बार दूसरे नंबर पर रहा है। अक्टूबर की रैंकिंग में चूरू पहले नंबर पर था। इस बार पहले नंबर पर रहने वाले जयपुर को 220.77 अंक मिले, जबकि चूरू को 215.78 अंक मिले हैं। पिछली बार 220.92 अंकों के साथ चूरू जिला प्रदेश में पहले नंबर था, जबकि जयपुर मात्र एक अंक से पिछड़कर दूसरे नंबर पर था। दो महीनों से अलवर जिला तीसरे नंबर पर रहा। अलवर के इस बार 200.43 अंक मिले, जबकि पिछले महीने 201.79 अंक हासिल किए। आश्चर्य की बात सीकर जिले की है। ये जिला अक्टूबर की रैंकिंग में प्रदेश में 14वें नंबर पर था, इस बात सुधार करते सीकर जिला 7वें पायदान पर पहुंच गया है। बता दें कि 1360 सरकारी स्कूलों वाला चूरू जिला सितंबर की रैंकिंग में भी पहले नंबर पर था। चौथे नंबर 198.69 अंकों के साथ चित्ताैड़गढ़, पांचवें पर 197.23 अंकाें के साथ श्रीगंगानगर एवं छठे स्थान पर भरतपुर जिला है। पिछली रैंकिंग से केवल पहले व दूसरे स्थान पर बदलाव के बाद सीधे सातवें नंबर पर की रैंकिंग चेंज हुई। शेष अलवर, चितौड़गढ़, श्रीगंगानगर व भरतपुर जिले पिछले महीने की तरह नवंबर की रैंकिंग में उसी नंबर पर है।
डीईओ मा. एवं समसा एडीपीसी निसार अहमद खान ने कहा कि नए साल में चूरू जिले को फिर पहले नंबर पर लाने के लिए वे जल्द ही सभी सीबीईओ की बैठक लेंगे। समस्त पीईईओ को अपने अधीन स्कूलों की मॉनीटरिंग एवं सुधारात्मक कदम के लिए सलाह देने के लिए पाबंद किया जाएगा। मैंने अभी समसा का अतिरिक्त चार्ज संभाला है, इसलिए इस विभाग के कार्यों के बारे में पूरी जानकारी जुटाकर रैंकिंग को सुधारा जाएगा।
एक साल में चूरू-जयपुर का पहले दो स्थानों पर कब्जा : शिक्षा की रैंकिंग में पहले दो स्थानों पर चूरू-जयपुर का इसलिए कब्जा रहा है, क्योंकि 360 अंकों के बिंदुओं में दोनों जिलों में प्रतिस्पर्धा चल रही है। कभी चूरू आगे तो कभी जयपुर से पिछड़कर के दूसरे नंबर पर आ जाता है। दोनों जिलों के समसा अधिकारी अपने-अपने जिलों की वर्किंग स्टाइल पर बराबर मॉनीटरिंग करते हंै।