Fri. Nov 1st, 2024

भारत में रीजनरेटिव कृषि बाजार व्यवस्था तैयार करने में अगुआ बनने को तैयार मध्य प्रदेश

भोपाल : लोउडेस फाउंडेशन द्वारा स्थापित रीजनरेटिव प्रोडक्शन लैंडस्केप कोलैबोरेटिव (आरपीएल कोलैबोरेटिव), आईडीएच द सस्टेनेबल ट्रेड इनीशिएटिव और डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंडिया ने आज मध्य प्रदेश सरकार के किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग के समर्थन से एक बहुपक्षीय बैठक आयोजित की। इस बैठक में कृषि से जुड़ी पारिस्थितिकी को नए सिरे से विकसित करने की जरूरत पर बल दिया गया। एक ऐसी व्यवस्था तैयार करने पर विमर्श हुआ जो पर्यावरण का रक्षण एवं संरक्षण कर सके, साथ ही छोटे किसानों और स्थानीय अर्थव्यवस्था को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से बचाने में सक्षम हो।

इस बहुपक्षीय बैठक की अध्यक्षता मध्य प्रदेश के किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अजीत केसरी और मध्य प्रदेश के किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग की निदेशक एवं गन्ना आयुक्त श्रीमती प्रीति मैती नायक ने की। इस दौरान कृषि संबंधी कारोबारों, सिविल सोसायटी ऑर्गनाइजेशंस, वित्तीय संस्थानों और विकास एजेंसियों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

बैठक के दौरान सरकारी अधिकारियों ने मध्य प्रदेश में रीजनरेटिव एग्रीकल्चरल प्रोडक्शन के विकास और बाजार व्यवस्था तैयार करने को लेकर दृष्टिकोण साझा किया।

आरपीएल कोलैबोरेटिव अन्य दानदाताओं, निवेशकों और निजी कंपनियों को आमंत्रित करेगा, जो मध्य प्रदेश में रीजनरेटिव कृषि से जुड़े कदमों के प्रति प्रतिबद्धता रखते हैं। कोलैबोरेटिव शुरुआती स्तर पर मध्य प्रदेश के तीन जिलों में सार्वजनिक-निजी भागीदारी आधारित संविदा तैयार करेगा। इससे निम्नलिखित लाभ सुनिश्चित होंगे :

  • उत्पादक प्राकृतिक एवं रीजनरेटिव कृषि के सिद्धांतों का अनुपालन करते हुए खेती करेंगे, जिससे प्राकृतिक संसाधनों को प्रतिस्थापित (रीस्टोर) करना और कृषि व्यवस्था में कार्बन उत्सर्जन कम करना सुनिश्चित होगा;
  • छोटे किसान एवं छोटी जोत वाले समुदायों के लिए बेहतर आर्थिक स्थिरता व उन्नत आजीविका सुनिश्चित होगी और फैसलों में उनकी सहभागिता बढ़ेगी;
  • एक समावेशी सप्लाई चेन रिलेशनशिप बनाते हुए कंपनियां जिम्मेदारी के साथ कच्चे माल के तौर पर कृषि उत्पादों को खरीद सकेंगी।

कोलैबोरेटिव की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए लाउड्स इंडिया की अनीता चेस्टर ने कहा, ‘आरपीएल कोलैबोरेटिव को लोउडेस फाउंडेशन के पार्टनर ऑर्गनाइजेशंस के कार्यों और कपास किसानों के साथ कई बहुपक्षीय पहल जैसे एएसए, एकेआरएसपी(आई) एाड एकेएफ, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ, सृजन, ओसीए और ओएफसीएस के आधार पर तैयार किया गया है। फसल विविधीकरण और रीजनरेटिव कृषि उत्पाद पर केंद्रित मध्य प्रदेश के कृषि विभाग की लंबी अवधि की कृषि रणनीति कोलैबोरेटिव के प्रयासों के ही अनुरूप है, जो बहुत अहम भी है। अब समय है कि कंपनियों, निवेशकों और दानदाताओं को आमंत्रित किया जाए, जिससे भूमि प्रयोग से जुड़े मसलों और कृषि क्षेत्रों में आसपास के लोगों पर पड़ने वाले प्रभावों को लेकर संयुक्त रूप से कदम उठाया जा सके।

आईडीएच द सस्टेनेबल ट्रेड इनीशिएटिव के कंट्री डायरेक्टर-इंडिया और ग्लोबल डायरेक्टर सस्टेनेबल मैन्युफैक्चरिंग श्री प्रमीत चंदा ने कहा, आरपीएल कोलैबोरेटिव एक इनोवेटिव मॉडल है जो कृषि संबंधी पारिस्थितिकी को बेहतर करेगा, जिससे प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण एवं विस्तार संभव होगा। साथ ही इससे कृषि उत्पादों को कच्चे माल के तौर पर प्रयोग करने वाली कंपनियों में जिम्मेदारी का भाव लाना और स्थानीय समुदायों का हित सुनिश्चित होगा। मुझे उम्मीद है कि कृषि क्षेत्र से जुड़ी सभी कंपनियां इस पहल से जुड़ेंगी और मध्य प्रदेश में सस्टेनेबल एग्री-वैल्यू चेन बनाने के प्रति प्रतिबद्धता जताएंगी।

डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंडिया की डायरेक्टर इकोलॉजिकल फुटप्रिंट डॉ. विद्या सौंदरराजन ने कहा, ‘3 लाख हेक्टेयर से ज्यादा कृषि योग्य भूमि पर व्यापक लैंडस्केप अप्रोच से प्रभाव डालने और इसमें से एक तिहाई भूमि पर सस्टेनेबल लैंड मैनेजमेंट के कदमों को अपनाते हुए कोलैबोरेटिव का लक्ष्य किसानों को उनकी क्षमता व क्रेडिट बढ़ाने में मदद करना है। वैल्यू चेन से जुड़े अन्य पक्षों के पास भी फाइनेंस की बेहतर पहुंच सुनिश्चित होगी और निजी क्षेत्रों को वन्यजीवों के अनुकूल एवं सस्टेनेबल कृषि उत्पादों तक ज्यादा पहुंच मिलेगी।

आरपीएल कोलैबोरेटिव 2026 तक तीन संविदा तैयार करने की दिशा में काम करेगा। ये समझौते सोर्सिंग वाले क्षेत्र में स्थानीय स्तर पर बहुपक्षीय गठजोड़ पर आधारित होंगे। इनमें सहयोग के साथ, समयबद्ध तरीके से और रिसोर्स के प्रति प्रतिबद्धता रखते हुए सस्टेनेबिलिटी से जुड़ी चुनौतियों को दूर करने का एग्रीमेंट होगा। इनमें जिला, ब्लॉक और गांव के स्तर पर सरकारी निकाय, स्थानीय सिविल सोसायटी ऑर्गनाइजेशंस, उत्पादक समूह/को-ऑपरेटिव और व्यापारी शामिल होंगे। संविदा से जुड़े सदस्य सस्टेनेबिलिटी और भूमि की उत्पादकता बढ़ाने और स्थानीय लोगों की आजीविका सुनिश्चित करने की दिशा में मिलकर काम करेंगे। साथ ही प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण एवं रीजनरेशन सुनिश्चित किया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *