फिर खुलेगा राजनीतिक नियुक्तियों का पिटारा:बोर्ड, आयोग अध्यक्षों और सदस्यों के पद पर पहले नियुक्तियां संभव
जयपुर प्रदेश की गहलोत सरकार 17 दिसंबर को अपने कार्यकाल का तीसरा साल पूरा कर लेगी। बहुप्रतिक्षित मंत्रिमंडल फेरबदल हो चुका है। जिन्हें इस मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली उन विधायकों को अब उम्मीद है कि राजनीतिक नियुक्तियों में उन्हें तवज्जो दी जाएगी। करीब 40 राजनीतिक नियुक्तियों के अलावा 15 के आस-पास संसदीय सचिव भी बनाए जाने हैं। कांग्रेस की रैली के कारण यह काम अटक गया था, जिसे अब फिर से गति मिलने के आसार हैं।
सूत्रों का कहना है कि सरकार की तीसरी वर्षगांठ के आसपास संसदीय सचिवों की नियुक्ति के साथ बोर्ड निगमों में अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं। मंत्रिमंडल फेरबदल के बाद कई विधायक नाराज हैं। उन्हें अब बोर्ड- निगमों में अध्यक्ष बनाकर या संसदीय सचिव बनाकर राजी किया जाएगा।
बसपा से कांग्रेस में आए 6 में से एक विधायक राजेंद्र गुढ़ा सरकार में मंत्री बनाए जा चुके हैं। शेष बचे 5 में से कुछ को बोर्डों में अध्यक्ष और संसदीय सचिव बनाया जा सकता है। निर्दलीयों और कांग्रेस विधायकों को भी एडजस्ट किया जाएगा।
3 साल से खाली हैं बोर्ड, आयोग अध्यक्षों व सदस्यों के पद
सरकार बने 17 दिसंबर को तीन साल पूरे हो रहे हैं। बोर्ड, निगमों और आयोगों में अध्यक्ष-सदस्यों के पद 3 साल से खाली चल रहे हैं। इनमें नेताओं को अध्यक्ष-सदस्यों के खाली पदों पर एडजस्ट किया जाएगा।
इन निगम, समितियों, प्राधिकरणों में अध्यक्ष-सदस्यों के पद खाली
राजस्थान पर्यटन विकास निगम आरटीडीसी, राजस्थान राज्य बीज निगम, जन अभाव अभियोग निराकरण समिति, लघु उद्योग विकास निगम, बुनकर सहकारी संघ,मेला विकास प्राधिकरण, जयपुर, जोधपुर,अजमेर विकास प्राधिकरण में अध्यक्ष पद, 20 सूत्री कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति में उपाध्यक्ष और सदस्य, सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ वॉलेंटरी सेक्टर।
7 अकादमियों में अध्यक्ष पद पर नियुक्तियां बाकी
साहित्य अकादमी, उर्दू अकादमी, संस्कृत अकादमी, बृजभाषा अकादमी, ललित कला अकादमी, संगीत नाटक अकादमी, सिंधी भाषा अकादमी।
14 यूआईटी अध्यक्ष पद खाली
आबू, अलवर, बाड़मेर, भरतपुर, भीलवाड़ा, बीकानेर,चित्तौड़गढ़, जैसलमेर, कोटा, पाली, सीकर, श्रीगंगानगर, सवाईमाधोपुर, उदयपुर यूआईटी में अध्यक्ष पद खाली है।