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इंजीनियरिंग परीक्षा में फर्जीवाड़ा करने वाले सॉल्वर और परीक्षार्थी को सात साल की कैद

ग्वालियर। अपर सत्र न्यायाधीश अशोक शर्मा ने इंजीनियरिंग परीक्षा के दौरान फर्जीवाड़ा करने वाले साल्वर व परीक्षार्थी को सात.सात साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोनों आरोपियों को सजा काटने के लिए जेल भेज दिया।
आरजीपी ने अंशकालीन पाठ्यक्रम का आठवें सेमेस्टर की परीक्षा आयोजन किया था। पालीटेक्नीक कालेज में इसका सेंटर था। 11 दिसंबर 2015 को सिविल इंजीनियरिंग का पेपर था। इस पेपर के दौरान विजय बंसल के प्रवेश पत्र पर शक हुअा। प्रवेश पत्र पर लगा फोटो व परीक्षा में बैठे युवक से मेल नहीं खा रहा था। जब उससे पड़ताल की तो उसने सच्चाई बता दी। उसने अपना नाम सिंटू त्यागी बताया। वह साल्वर के रूप में विजय बंसल की जगह परीक्षा देने आया था। अमित धवन ने झांसी रोड थाने में आवेदन दिया। पुलिस ने विजय बंसलए सिंटू त्यागी के खिलाफ केस दर्ज किया और उसके खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया। आरोपियों की ओर से बचाव में तर्क दिया कि वह नव युवक है। उनको झूठा फंसाया गया है। सजा देने में नरमी बरती जाए। अभियोजक की ओर से कहा गया कि इस तरह के फर्जीवाड़ों की वजह से मेधावी विद्यार्थी पीछे हो रहे है। इसलिए समाज में संदेश देने के लिए कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद दोनों आरोपियों को सात.सात साल की सजा सुनाई है।

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