प्रभावी हर्बल उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण लेंगे प्रतिभागी

हरिद्वार: गुरुकुल कांगड़ी सम विश्वविद्यालय के वनस्पति और सूक्ष्मजीव विज्ञान विभाग में पांच दिवसीय हर्बल फार्मुलेशन (उत्पाद) प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें प्रतिभागी औषधीय और सुगंधित पौधों के मिश्रण से प्रभावी हर्बल उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण लेंगे।
कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कुलपति प्रो. रूप किशोर शास्त्री ने प्रतिभागियों को च्यवनप्राश और चूर्ण बनाने के फार्मूले को समझाया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के वनस्पति और सूक्ष्म जीव विज्ञान विभाग के छात्र समाज के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा का परचम लहरा रहे हैं। विभाग के प्रोफेसर डीके माहेश्वरी और प्रो. आरसी दुबे की ओर से लिखी गई पुस्तकें विभिन्न विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रमों में लगी हैं। जिनका लाभ देश ही नहीं विदेशों के छात्र भी उठा रहे हैं। कुलसचिव डा. सुनील कुमार ने कहा कि यह एक सुखद क्षण है कि हर्बल उत्पादन के क्षेत्र में छात्रों के कौशल को निखारने का कार्य कार्यशाला के माध्यम से किया जाएगा। जिसका लाभ छात्रों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि भारतीयों ने प्राचीन वनस्पतीय, संपदा का उपयोग अपने दैनिक जीवन में करके कोरोना महामारी का मुकाबला किया। जिसे दुनिया के अन्य देशों ने भी स्वीकार किया है
डीन प्रो. आरसी दूबे ने प्रतिभागियों को औषधीय पौधों के महत्व और उपयोगिता के बारे में बताया। प्रो. माहेश्वरी ने प्राकृतिक स्त्रोतों के संरक्षण और संवर्धन को बताते हुए औषधीय पौधों की उपचार में उपयोगिता को बताया। कार्यक्रम के संयोजक और अध्यक्ष प्रो. नवनीत ने कार्यक्रम की रूपरेखा और उपयोगिता को समझाया। प्रो. मुकेश कुमार ने प्रतिभागियों को ट्रेनिग प्रोगाम के उद्देश्य और उपयोगिता से अवगत कराया।
इस अवसर पर डा. केके गुप्ता, डा. संदीप कुमार, डा. विनीत कुमार विश्नाई, डा. हरीश चंद्रा, डा. चिरंजीव बनर्जी, डा. पंकज कौशिक के अलावा शोध छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे