देहरादून: सामूहिक संकल्प से ही होगा टीबी जैसी बीमारी का खात्मा, जानिए क्या बोले आइपी के अध्यक्ष

देहरादून। इंडियन एकेडमी आफ पीडियाट्रिक्स (आइएपी) की दून शाखा ने रविवार को राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत कार्यशाला का आयोजन किया। इसमें आइएपी उत्तराखंड के अध्यक्ष डा. आलोक सेमवाल ने कहा कि टीबी के खात्मे के लिए सभी एकजुट होकर साथ आएं। उन्होंने कहा कि सामूहिक संकल्प से ही ‘टीबी हारेगा, देश जीतेगा’ का नारा सफल होगा।
डा. सेमवाल ने कहा कि सभी को नए दिशा-निर्देश को ध्यान में रखकर टीबी की पहचान, उपचार व भारत सरकार के निश्चय पोर्टल पर रिपोर्टिंग करनी होगी। आइएपी देहरादून के अध्यक्ष डा. राजीव श्रीवास्तव ने बताया कि सभी चिकित्सक नई व्यवस्था का पालन करें। हम सबको मिलकर टीबी के खिलाफ जन आंदोलन के रूप में कार्य करना होगा। मुख्य वक्ता आइएपी के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. जीवी बसवराज ने टीबी के लक्षण, पहचान व उपचार की नई पद्धति पर प्रकाश डाला।
मौलाना आजाद मेडिकल कालेज से प्रो. अनुराग अग्रवाल ने ड्रग रेजिस्टेंट टीबी के उपचार की जानकारी दी। जिला क्षय रोग नियंत्रण अधिकारी डा. मनोज वर्मा ने कहा कि सरकार, निजी चिकित्सक व विभिन्न गैर सरकारी संगठनों को साथ मिलकर और समन्वय बनाकर चलना होगा। तभी टीबी उन्मूलन का लक्ष्य हासिल हो पाएगा। वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डा. गीता खन्ना ने एचआइवी एवं टीबी, टीबी ग्रसित मां से नवजात शिशु को खतरा, लैटेंट टीबी आदि के विषय में विस्तृत जानकारी दी। श्रीमहंत इंदिरेश अस्पताल की डा. बिंदु अग्रवाल ने पेट, हड्डी व जोड़ और ब्रेन टीबी के उपचार पर प्रकाश डाला
इस दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन के सलाहकार डा. अभिषेक, डा. उत्कर्ष शर्मा, डा. पीएस रावत, डा. महेश अग्रवाल, डा. डीएस रावत, डा. मंजू रावत, डा. एनएस खत्री, डा. विपिन वैश्य आदि उपस्थित रहे।
टीकाकरण जरूर कराएं
चिकित्सकों ने कहा कि बच्चों का टीकाकरण जरूर कराएं। इससे बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है और वह तमाम बीमारियों से बचे रहते हैं। बच्चे को विकास नहीं होने, लंबे समय से बुखार व खांसी होने और वजन नहीं बढ़ने पर चिकित्सक को दिखाएं। घर में बड़ों को टीबी होने पर बच्चों की जांच अनिवार्य तौर पर कराने की बात उन्होंने कही।