Wed. Apr 30th, 2025

Year: 2021

तापमान में बढ़ोतरी से सर्दी से मिली राहत:धूप खिलने के बाद भी शीतलहर ने किया परेशान, 2.4 डिग्री रहा पारा

चूरू अंचल में मंगलवार को सर्दी से थोड़ी राहत मिली। मौसम विभाग के अनुसार पारा 2.4…

कर्मचारी महासंघ:नवनियुक्त जिलाध्यक्ष शिवराज खींची का किया अभिनंदन

कोटा राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ कोटा के जिलाध्यक्ष रामजी लाल मीणा के नेतृत्व में रमेशचंद…

टेनिस प्रतियोगिता शुरू:ऑल इंडिया लाॅन टेनिस प्रतियोगिता शुरू, पहले दिन 16 मैच खेले

कोटा आॅल इंडिया टेनिस एसोसिएशन की अोर से 14वर्ष आयु वर्ग के लॉन टेनिस प्रतियोगिता का…

छिंदवाड़ा व मुंबई की संघर्षपूर्ण जीत, नागपुर और कोल्हापुर आसानी से जीते, क्वालीफाइंग मैच आज से

कोटा विश्वविद्यालय के शारीरिक शिक्षा विभाग के तत्वावधान में श्रीनाथपुरम और श्रीराम रेयंस स्टेडियम पर…

कार्यकारिणी का विस्तार:राजेश मीना जिलाध्यक्ष व नीरज भारद्वाज महासचिव

करौली सोसायटी ऑफ राजस्थान रेडियोग्राफर एडं रेडिएशन टेक्नोलॉजिस्ट के प्रदेशाध्यक्ष वकी अहमद ने संगठन का विस्तार…

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ऋषिकेश। ऋषिकेश न केवल चारधाम यात्रा का प्रवेश द्वार है वरन विश्व योग व आध्यात्म की अन्तर्राष्ट्रीय राजधानी भी है। इस देव भूमि में ऋषि-मुनियों ने कठिन साधना कर स्वास्थ्य रक्षण के लिए योग और प्रणायाम के ऐसे सूत्र तलाशे हैं जो मानव सभ्यता के लिए वरदान साबित हुए हैं। उक्त बात अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के समापन अवसर पर शुक्रवार को शीशम झाड़ी, मुनि की रेती स्थित “गंगा रिजॉर्ट” में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि देश-विदेश से आए योग साधकों, योगाचार्यों, योग गुरूओं, कथावाचक, समस्त प्रतिभागियों, गणमान्य अतिथियों और व्यवस्था में लगे पर्यटन विभाग के सभी अधिकारियों, कर्मचारियों का धन्यवाद और आभार व्यक्त करते हुए प्रदेश के पर्यटन, धर्मस्व, संस्कृति, लोक निर्माण, सिंचाई, पंचायतीराज एवं जलागम, मंत्री सतपाल महाराज ने कही। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड पावन पवित्र गंगा का ही नहीं वरन योग का भी उदगम स्थल है, योग व गंगा भारत के सांस्कृतिक व आध्यात्मिक धरोहर का प्रतीक हैं पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री महाराज ने कहा कि ऋषिकेश सदियों से योग की भूमि रही है। दुनिया भर के संत, महात्मा व साधक की यह साधना भूमि रही हैं। उत्तराखण्ड को योग की वैश्विक राजधानी के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से हर वर्ष की तरह इस बार भी अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव 01 मार्च से 07 मार्च तक गंगा जी के पवित्र तट पर आयोजित किया गया। इस आयोजन में देश-विदेश के लगभग 410 प्रतिभागियों ने प्रतिदिन योगाभ्यास किया। योग महोत्सव में विभिन्न देशों से आए 38 विदेशी साधकों ने भी भाग लिया जो कि स्पेन, कनाडा, इजराईल, जर्मन, फ्रांस, नीदरलैंड, जापान, रोमानिया, सिंगापुर, यू०एस०ए०, मैक्सिको, इण्डोनेशिया, एर्जेटिना आदि देशों से आए हैं। उन्होंने बताया कि सात दिन की इस अवधि में ख्याति प्राप्त योगाचार्यों व योग गुरूओं द्वारा योग प्रशिक्षार्थियों को विभिन्न योग क्रियाओं का अभ्यास कराया गया। योग क्रियाओं का अभ्यास कराने वाले प्रमुख योग गुरूओं में स्वामी आत्मस्वरूपानंद सरस्वती, योगिनी उषा माता, ग्रैण्ड मास्टर अक्षर, डा० लक्ष्मीनारायण जोशी, योगिनी उर्मिला पाण्डे, योगी अभिषेक सोती, डा० अर्पिता नेगी, कपिल संधी, डा० नवदीप जोशी, स्वामी बोद्धी वर्धमान, डा० अमित राज, स्वामी जितानंद, योगी जयदेवन, डा० विपिन जोशी आदि प्रमुख हैं। सात दिवसीय इस अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में आयोजित होने वाली सांस्कृतिक संध्याओं में प्रेम जोशुआ, ज्योति नूरान, लोक गायक नरेन्द्र सिंह नेगी, इंदर आर्य, भोजपुरी लोक गायक विमल बावरा और इण्डियन ओशन द्वारा शानदार प्रस्तुतियां दी गयी। इसके अलावा कथावाचक सुश्री जया किशोरी जी व सुविख्यात लेखक अक्षत गुप्ता भी योग महोत्सव के आकर्षण रहे हैं। श्री महाराज ने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का आयोजन विश्व भर में योग गतिविधियों को लोकप्रिय बनाने की दिशा में निश्चित रूप से मील का पत्थर साबित होगा ऐसा मुझे विश्वास है। उन्होंने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के “फिट इण्डिया’ अभियान में भी योग की अहम भूमिका रही है। आज पूरी दुनिया के लोग बेहतर स्वास्थ्य के लिए योग की ओर भाग रहे हैं जब स्वास्थ्य विज्ञानियों ने भी यह साबित कर दिया कि स्वस्थ शरीर के लिए योग व प्रणायाम जरूरी है तब योग का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के समापन पर पर्यटन मंत्री श्री महाराज ने सभी से अपील की कि हम योग के महत्व को और अधिक फैलाने का संकल्प लें और अपने जीवन में योग को एक महत्वपूर्ण स्थान दें।