चौहरे हत्याकांड का पुलिस ने किया खुलासा : सुनार का ही करीबी दोस्त ही निकला मास्टर माइंड
रुद्रपुर, नानकमत्ता में पिछले हफ्ते हुये चौहरे हत्याकांड़ से पुलिस ने छठे दिन खुलासा कर दिया। सुनार समेत चार लोगों की हत्या की साजिश रचने वाला मास्टर माइंड सुनार का ही करीबी दोस्त निकला। उसने अपने तीन अन्य साथियों के साथ मिलकर बर्थ डे के बहाने सुनार, उसके ममेरे भाई को बुलाकर देवहा नदी किनारे उनकी हत्या कर दी। हत्यारोपियों ने सर्जिकल ब्लेड से उनके गले काटे। इसके बाद वे सुनार के घर पहुंचे और यहां उसकी मां और नानी के गले हंसिये काटकर उन्हें भी मौत के घाट उतार दिया। हत्यारोपियों ने अंकित की दुकान में रखे सोने के जेवरात आदि लूटने की योजना बनाई थी, लेकिन जेवरात तो नहीं मिले, बल्कि घर में रखे 40 हजार रुपये लूटकर फरार हो गए।
बीते साल दिसंबर माह की 28 तारीख को नानकमत्ता के खटीमा मार्ग स्थित आशीर्वाद ज्वैलर्स के स्वामी अंकित उर्फ अजय रस्तोगी, उनकी मां आशा देवी, नानी सन्नो देवी और उनकी दुकान पर कारीगर ममेरे भाई उदित रस्तोगी की धारदार हथियार से प्रहार कर नृशंस हत्या कर दी गई थी। एक ही कुनबे के चार लोगों की हत्या से नानकमत्ता के साथ ही पूरा जिला थर्रा गया था। डीआईजी व एसएसपी खुद ही हत्याकांड का खुलासा करने में लगीं टीमों से पल-पल अपडेट लेते रहे। आईजी वी मुरुगेशन ने भी घटनास्थल का मौका मुआयना जांच टीमों की ब्रीफिंग की थी।
थाना परिसर में पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) कुमाऊं डॉ. नीलेश आनंद भरणे और एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने सोमवार चौहरा हत्याकांड का खुलासा किया।
उन्होंने पत्रकारों को बताया कि नगर के वार्ड पांच गुरुद्वारा मार्ग निवासी रानू रस्तोगी (24) पुत्र अनिल रस्तोगी, सिंह कालोनी खटीमा निवासी सचिन सक्सेना पुत्र स्व. राजकुमार सक्सेना, सुभाष कालोनी रुद्रपुर निवासी विवेक वर्मा (19) पुत्र ओमप्रकाश वर्मा और मुकेश शर्मा उर्फ राहुल रस्तोगी (23) पुत्र तुलसी राम ने सचिन के बर्थ डे के बहाने 28 दिसंबर की देर शाम अंकित उर्फ अजय रस्तोगी को घर से बुलाया और विवेक की वैगनआर कार से रानू और सचिन अंकित को लेने उसके घर पहुंचे। विवेक और राहुल पहले ही देवहा नदी किनारे सड़क पर खड़े थे। अंकित अपने ममेरे भाई शाही जिला बरेली निवासी उदित रस्तोगी को लेकर उनके साथ चल दिया। अंकित कार चलाते हुए सिद्धा गांव से आगे मोहम्मदगंज गांव के पास पहुंचा और कार रोक दी। जैसे ही वह ड्राइवर सीट से नीचे उतरा तो वहां खड़े विवेक और राहुल ने डंडे व रॉड से वारकर दोनों को घायल कर दिया। इसके बाद सर्जिकल ब्लेड से अंकित और उदित का गला रेतकर हत्या कर दी गई। यहां से चारों हत्यारोपी अंकित के घर पहुंचे और अंकित की मां आशा देवी व नानी सन्नो देवी पत्नी को मार डाला। उसके बाद ज्वैलर्स की दुकान से 40 हजार रुपये लूटकर फरार हो गए। दुकान का लॉकर न तोड़ पाने की वजह से वे जेवरात नहीं लूट सके।
एसएसपी ने बताया कि रानू को दिल्ली से दबोचा गया है, जबकि विवेक और राहुल को रुद्रपुर सुभाष कालोनी उनके घर से पकड़ा। रानू दिल्ली से कहीं अन्य राज्य के लिए भागने की फिराक में था। सचिन अभी फरार है, जिसकी तलाश में पुलिस की टीमें दबिशें दे रही हैं। वह हिस्ट्रीशीटर है।
बताया कि लूटे गए 40 हजार रुपये में से 35 हजार रुपये के साथ ही हत्यारोपियों की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त कार सिडकुल फेज टू से और घटनास्थल से सर्जिकल ब्लेड बरामद कर लिए गए हैं। चारों हत्यारोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 व 201 के तहत केस दर्ज किया गया है। पकड़े गए तीनों हत्यारोपियों को मंगलवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। टीम में एसपी सिटी ममता बोहरा, स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप के सीओ परवेज अली, एसटीएफ की सीओ पूर्णिमा गर्ग, सीओ बीएस भंडारी समेत करीब टीमों के पुलिस अफसर व कर्मी शामिल थे।
खुलासे पर सवाल, सीबीआई जांच की मांग :
उदित रस्तोगी के पिता सभासद अनिल रस्तोगी ने खुलासे पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि सर्जिकल ब्लेड दो इंच लंबाई का होता है और चौड़ाई भी कुछ सेमी होती है। पकड़ने पर वह आधा इंच हाथ में होता है तो डेढ़ इंच से कैसे गला काटा जा सकता है। उदित रस्तोगी के जो घाव हैं, वे बड़ी धारदार वस्तु के प्रतीत होते हैं। अगर आरोपी लूट करने आए थे तो पैसा और माल लेकर जाना चाहिए थे। 40 हजार रुपये ले गए और अंकित, आशा और मां सन्नो देवी के हाथ व गले में पड़े सोने के जेवरात छोड़ गए। दुकान के काउंटर से दो लाख की चांदी भी नहीं छुई। उन्होंने कहा कि बहन आशा के हाथ में बाल आए थे, उनका डीएनए टेस्ट होना चाहिए। इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए।