किशोर उपाध्याय के बहाने असंतुष्टों को भी दिया कांग्रेस हाईकमान ने संदेश
देहरादून। प्रदेश कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को पार्टी से बाहर का रास्ता भी दिखाया जा सकता है। पार्टी से लंबे समय से चल रही नाराजगी और भाजपा समेत विभिन्न दलों से उनकी मुलाकात के बाद पार्टी हाईकमान ने किशोर के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर दी। चुनाव के मौके पर किशोर के बहाने पार्टी के भीतर अन्य असंतुष्टों को भी संदेश दिया गया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि किशोर उपाध्याय के साथ यह स्थिति टालने के काफी प्रयास किए गए, लेकिन पार्टी हाईकमान अब बर्दाश्त करने को तैयार नहीं है।
किशोर उपाध्याय लंबे समय से पार्टी के भीतर नाराज चल रहे हैं। इस नाराजगी को उन्होंने छिपाया भी नहीं। 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के करीब दो माह बाद मई के महीने में ही किशोर को प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया था। चुनाव में हार के लिए केवल उन पर ठीकरा फोड़े जाने की शिकायत किशोर हमेशा ही करते रहे हैं। यही वजह है कि उनके बाद 2017 में मई माह में प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए प्रीतम सिंह और फिर बीती 22 जुलाई को प्रदेश अध्यक्ष पदभार संभालने वाले गणेश गोदियाल से भी उनका तालमेल नहीं बन पाया
पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत के साथ भी उनके लंबे समय से मतभेद चलते रहे हैं। इंटरनेट मीडिया पर बीते दिनों दोनों नेताओं के बीच तकरार भी हुई। पार्टी में अपनी हैसियत से चिंतित किशोर वनाधिकार आंदोलन के मुद्दे पर सक्रिय रहे। पार्टी की गतिविधियों से दूरी और वनाधिकार आंदोलन में ज्यादा सक्रियता पार्टी के केंद्रीय व प्रदेश के नेताओं को कभी रास नहीं आई। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से तो मिले ही, कुछ दिनों पहले उन्होंने लखनऊ में समाजवाटी पार्टी नेता व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से भी मुलाकात की थी।
बीते माह 16 दिसंबर को राहुल गांधी की देहरादून रैली से पहले प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और प्रदेश सहप्रभारियों की मौजूदगी में किशोर उपाध्याय के साथ बैठक में भी उन्हें मनाने की कोशिश की गई थी। सूत्रों की मानें तो किशोर की इसी माह के पहले हफ्ते में भाजपा के प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार और चुनाव प्रभारी व केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी से हुई मुलाकात को गंभीरता से लिया गया। इससे ठीक पहले किशोर उपाध्याय ने पत्नी के साथ दिल्ली में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के फोटो इंटरनेट मीडिया पर जारी भी किए गए थे।
बताया जा रहा है कि भाजपा से किशोर की बढ़ती नजदीकी कांग्रेस हाईकमान को रास नहीं आई। सूत्रों की मानें तो बुधवार को भी किशोर उपाध्याय के भाजपा में जाने की चर्चाएं पार्टी हाईकमान तक पहुंची। इसके बाद पार्टी ने उन्हें सभी दायित्वों से मुक्त करने की बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। संपर्क करने पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि कुछ ऐसी बातें किशोर उपाध्याय की ओर से लगातार होती रहीं, जिसे पार्टी हाईकमान को गंभीरता से लेना पड़ा।