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वन्य मौन पालन ग्रामीणों की आजीविका संर्वधन तय करेगा: तिवारी

अल्मोड़ा। गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण और सतत विकास संस्थान के इनविस केंद्र के सहयोग से 10 दिनी ऑनलाइन हरित कौशल विकास कार्यक्रम शुरू हो गया है। इसमें प्रतिभागियों को वन्य मौन पालन और प्रसंस्करण का प्रशिक्षण दिया गया। वक्ताआें ने कहा कि मौन पालन से किसानों की आय सुधरेगी।

मुख्य अतिथि राजकीय मौन पालन केंद्र ज्योलीकोट के निदेशक डॉ. एचसी तिवारी, संस्थान के निदेशक ई. किरीट कुमार, पंतनगर विश्वविद्यालय के प्रो. प्रमोद मल्ल ने संयुक्त रूप से कार्यक्रम का शुभारंभ किया। तिवारी ने बताया कि वन्य मौन पालन, प्रसंस्करण प्रशिक्षण कार्यक्रम ग्रामीण समुदायों के आजीविका संवर्धन के साथ-साथ जैव विविधता संरक्षण के लिए प्रमुख भूमिका तय करेगा। संस्थान के निदेशक ई. किरीट कुमार ने कहा कि इस प्रशिक्षण के बाद युवाओं को स्वरोजगार के लिए दिशा मिल सकेगी। प्रशिक्षण कार्यक्रम के संयोजक तथा इनविस केंद्र के प्रभारी संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. गिरीश नेगी ने स्लाइड शो के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों के लगभग एक दर्जन से भी अधिक विषय विशेषज्ञ इसमें व्याख्यान देंगे। स्पर्धा अल्मोड़ा के दीपक बिष्ट और कनेली हवालबाग के किसान मनोज उपाध्याय ने मौन पालन के अनुभवों को साझा किया। दीपक बिष्ट ने अल्मोड़ा में स्थापित शहद और मौन बक्सों की फैक्टरी के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम में उत्तराखंड के दस जिलों से चयनित 30 प्रशिक्षणार्थी प्रतिभाग कर रहे हैं। कार्यक्रम में डॉ. महेशानंद, डॉ. रवींद्र जोशी, कमल किशोर, हिमांशु बर्गली, विजय बिष्ट आदि थे।

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