एनपीटीईएल से छात्रों में तकनीकी कौशल का विकास
अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो. पंकज मदान ने उद्घाटन करते हुए कहा कि एनपीटीईएल प्रौद्योगिकी वर्धित शिक्षा पर राष्ट्रीय कार्यक्रम है जो केंद्र सरकार की शैक्षिक पहल है। इसमें ई-लर्निंग विधियों के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सात आईआईटी (मुंबई, दिल्ली, गुवाहाटी, कानपुर, खड़गपुर, मद्रास, रुड़की) और आईआईएससी बेंगलुरु शामिल हैं। अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संकाय पिछले चार वर्षों से एनपीटीईएल का सक्रिय लोकल चैप्टर रहा है। इसमें डॉ. सुयश भारद्वाज की महत्वपूर्ण भूमिका है। डॉ. सुयश भारद्वाज ने कहा कि अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संकाय के लगभग 900 छात्र हर वर्ष एनपीटीईएल में पंजीकरण करते हैं। इनमें से ज्यादातर तकनीकी कौशल का विकास करते हुए उच्च शिक्षा एवं बहुराष्ट्रीय कंपनियों में अवसर प्राप्त करते हैं। इसवर्ष 20 छात्रों को स्वर्ण एवं रजत पुरस्कार के साथ विशिष्ठ प्रमाणपत्र प्राप्त हुआ है। प्रो. विमल कुमार समन्वयक एनपीटीईएल लोकल चैप्टर आईआईटी कानपुर एवं उनकी सहयोगी वैशाली सह समन्वयक लोकल चैप्टर आईआईटी कानपुर ने एनपीटीईएल कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी। प्रो. विमल कुमार ने कहा कि एनपीटीईएल ऐसा माध्यम है जिससे देश ही नहीं अपितु अन्य देशों के छात्र-छात्राएं भी लाभान्वित हो रहे हैं। कार्यशाला में 170 छात्र एवं 30 शिक्षकों ने प्रतिभाग किया। इस दौरान डॉ. मयंक अग्रवाल, डॉ. निशांत कुमार, आशीष नैनवाल, नमित खंडूजा, दीपक, अश्वनी, अगम, अमन समेत कई शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारी जुड़े।