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पांच साल में विकासनगर में सुधरी स्वास्थ्य सेवा

विकासनगर: पांच साल में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के उच्चीकृत होकर उप जिला चिकित्सालय बनने से स्वास्थ्य सेवाएं सुधरी हैं। अब अस्पताल में चिकित्सा विशेषज्ञों की तैनाती है। सर्जरी की सुविधा भी बढ़ी है। इससे मरीजों की उपचार कराने के लिए निजी अस्पतालों पर निर्भरता कम हो गई है।

विकासनगर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में 13 चिकित्सक थे। इनमें विशेषज्ञ चिकित्सकों की संख्या कम थी। कोरोना काल में भी सीएचसी का कुछ खास फायदा नहीं मिला। क्योंकि अस्पताल में न आक्सीजन की सुविधा थी और न ही ब्लड यूनिट, जिसके चलते मरीजों को निजी अस्पतालों में बनाए गए कोविड अस्पतालों में जाना पड़ा। 2017-22 के बीच स्वास्थ्य सेवाओं में इजाफा हुआ। सरकार ने सीएचसी को जनवरी 2020 में उच्चीकृत कर उप जिला चिकित्सालय बनाया। अब अस्पताल परिसर में लगाए गए आक्सीजन प्लांट से सभी तीस बेड आक्सीजन से युक्त हो गए हैं। वर्तमान में अस्पताल में आर्थो, नेत्र रोग, सामान्य सर्जरी के लिए तीन आपरेशन थियेटर हैं। जबकि पहले केवल सामान्य सर्जरी के लिए एक ओटी थी। अस्पताल में एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, पैथालाजी पहले से थी। अब आइसीयू यूनिट भी लगाने के लिए अस्पताल में सामान आ गया है। अस्पताल के उच्चीकृत होने के बाद यहां पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक का पद भी सृजित हुआ। साथ ही अस्पताल में आर्थो, इएनटी, सर्जन, नेत्र रोग व स्त्री रोग विशेषज्ञ की तैनाती की गई है। अब एक की जगह दो सर्जन की तैनाती को गई है। स्वास्थ्य सेवाएं और बेहतर करने को डाकपत्थर में बड़े चिकित्सालय भवन का निर्माण चल रहा है। हालांकि फिजिशियन के दो पद, चर्म रोग विशेषज्ञ व स्त्री रोग विशेषज्ञ के एक-एक पद खाली चल रहे हैं। स्टाफ नर्स की कमी है। यहां की एक स्टाफ नर्स पढ़ाई के चलते छुटटी पर है, साथ ही एक नर्स सेलाकुई पीएचसी व एक नर्स श्रीनगर गढ़वाल में अटैच है। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. विजय सिंह के अनुसार मरीजों को अस्पताल में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं।

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