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ढालवाला में भीमल के रेशे से उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण शुरु

राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) देहरादून की ओर से भारतीय ग्रामोत्थान संस्थान ढालवाला में भीमल के रेशे से उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया। इसमें विभिन्न स्वयं सहायता समूह से चयनित महिलाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए उन्हें प्रशिक्षण दिया गया।

कार्यक्रम का उद्घाटन नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक टिहरी एएन शुक्ला, उद्योग विभाग के पूर्व प्रबंधक सुरेंद्र सिंह नेगी और संस्था के प्रभारी अनिल चंदोला ने किया। प्रशिक्षण शिविर में अनिल चंदोला ने बताया कि नाबार्ड की ओर से आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में महिलाओं को भीमल (स्योलू) से उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह शिविर 21 फरवरी तक चलेगा। प्रशिक्षण के बाद स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की ओर से जो भी उत्पाद बनाए जाएंगे, उनकी बिक्री संस्था के माध्यम से कराई जाएगी। इन उत्पादों की बिक्री के बाद महिलाएं आर्थिक रूप से भी संपन्न होंगी। शिविर में ट्रेनर बीना पुंडीर प्रशिक्षण दे रही हैं। यह कार्यक्रम लोकल फॉर वोकल पर आधारित है। प्रशिक्षण प्राप्त करने पर महिलाओं द्वारा भीमल के स्लीपर, टोकरी और पायदान आदि बनाए जाएंगे। इस अवसर पर केशव प्रसाद लखेड़ा, एनके कुकशाल, भक्ति बलूनी, वसंती रावत, नीता बगियाल, रमेश पोखरियाल, अनीता और रामसेवक रतूड़ी आदि थे।

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