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डीसीएफ का दौरा:अभयारण्य से मुक्त हुए एरिया में ढाई किमी बनेंगी सुरक्षा दीवार

बूंदी अभयारण्य से मुक्त हुए एरिया में दीवार बनाई जाएगी। इसके लिए गुरुवार को वाइल्ड लाइफ कोटा डीसीएफ एएन गुप्ता और एसीएफ तरुण मेहरा ने जायजा लिया। रामगढ़ रेंजर रामप्रसाद बाेयत और जैतपुर रेंजर धर्मराज गुर्जर साथ रहे। दीवार निर्माण के लिए बजट का आवंटन किया जा चुका है। अभयारण्य से जो आबादी क्षेत्र बाहर हुआ था, इस दीवार का वहां निर्माण करना है।करीब ढाई किमी लंबी दीवार का निर्माण होगा। इसके अलावा मोतीपुरा में कैंपा मद से करवाए जा रहे सुरक्षा दीवार का भी डीसीएफ ने जायजा लिया। वन्यजीवों के अवलोकन के लिए सेंचुरी एरिया में फोटो ट्रेप लगाए गए हैं।

भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून के एक्सपर्ट्स की टीम के 21 फरवरी को रामगढ़ टाइगर रिजर्व में आने की उम्मीद है। यह टीम फोटोट्रैप कैमरों को लेकर आवश्यक सुझाव देंगी।इस बीच, रामगढ़ टाइगर रिजर्व के गजट नोटिफिकेशन ड्राफ्ट में हाे रही देरी पर भाजपा पर्यटन प्रकोष्ठ ने विधायक चंद्रकांता मेघवाल से सहयाेग चाहा है। प्रकोष्ठ अध्यक्ष भंवर त्रिभुवनसिंह हाड़ा के नेतृत्व में उन्हें ज्ञापन दिया, जिसमें लिखा है कि रामगढ़ टाइगर रिजर्व का नोटिफिकेशन ड्राफ्ट तैयार होने के बाद राज्य सरकार द्वारा गठित वाइल्ड लाइफ कमेटी के अध्यक्ष ने सीडब्ल्यूएलडब्ल्यू को सबमिट कर दिया है। सीडब्ल्यूएलडब्ल्यू की ओर से भी ड्राफ्ट राज्य सरकार के पास सबमिट कर दिया गया है। फिर भी नोटिफिकेशन जारी होने में समय लग रहा है? इसे कब तक जारी किया जाएगा।

इसी तरह टाइगर के साफ्ट रिलीज के लिए रामगढ़ टाइगर रिजर्व में टाइगर एनक्लोजर और प्रेबेस एन्क्लोजर का भी निर्माण प्रस्तावित है। इसके टेंडर हो चुके थे, उसके बाद आगे क्या हुआ और काम कब तक शुरू होगा? टाइगर रिजर्व में रणथंभौर से आया टी-115 घूम रहा है। अन्य बाघ भी आ-जा रहे हैं, इसके लिए टाइग्रेस जल्द छोड़नी चाहिए, ताकि उनका कनुबा बढ़ सके। यहां जल्द टाइग्रेस शिफ्ट की जाए। रामगढ़ में बाघिन छोड़ना बेहद जरूरी है ताकि टी-115 रणथंभौर नहीं लौट जाए। प्रेबेस भी घाना से जल्दी लाकर छोड़ा जाए। संरक्षक जोधराजसिंह हाड़ा ने कर्मचारियों के स्थाई आॅफिस सीसीएफ, डीएफओ, एसीएफ की बूंदी में ही नियुक्त करने की मांग की है।

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