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प्रशासन शहरों के संग:अब आपको हाउसिंग बाेर्ड भी देगा जमीन का पट्‌टा, 2018 तक की बसावट 90ए के दायरे में होगी

जयपुर ‘प्रशासन शहरों के संग’ अभियान की गति बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार ने 5 बड़े बदलाव किए हैं। नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल की अध्यक्षता में शुक्रवार को बैठक हुई। इसमें पहली बार हाउसिंग बोर्ड को पट्‌टा जारी करने की अनुमति दी गई। इसके अलावा अब तक कृषि से अकृषि भूमि लैंड यूज चेंज कर 90ए वाली कालोनियों को 17 जून 1999 तक की बसावट पर ही नियमन का नियम था। अब इस तिथि को बढ़ाकर 2018 तक किया जाएगा।

1. पहले 17 जून, 99 तक की कॉलोनियाें का नियमन
अभी कृषि से अकृषि में रूपांतरित जमीनों पर बसी कालोनियों के लिए 17 जून 1999 तक बसावट के दस्तावेज होने पर नियमन व पट्टा जारी करने का नियम था। पट्‌टा अभियान में सामने आया कि कई कॉलोनियां इस अविध के बाद बसीं। इसलिए अब 2018 तक 90 ए हो चुकी काॅलोनियों के पट्टे दिए जा सकेंगे।

2. भूंखडधारक के एफिडेविट से भी आवेदन होगा
नई धारा 69ए के प्रावधानों को सरल किया है। पहले पुरानी बस्तियों में समर्पण वाले भूखंडों के लिए अधिकृत दस्तावेज देने होते थे। अब रहवासी भूखंडधारक एक एफिडेविट से पट्टे के लिए आवेदन कर सकेंगे। चेन व डॉक्यूमेंट भी अलग से दे सकेंगे। जिसके नाम मूलत: भूंखड था उसके दस्तावेज जरूरी नहीं। किसी ने भूखंड के टुकड़े कर बेच दिए हैं तो अब पुरानी चेन आफ डॉक्यूमेंट की जरूरत नहीं रहेगी।

3. कॉलोनी नियमितीकरण के लिए लेआउट प्लान में ढील
पहले कॉलोनी में 10 लोगों ने पट्टे ले लिए और 90 ने नहीं लिए हैं तो उन पर लेआउट प्लान में वाइलेशन के दावे के कारण पट्टे नहीं मिल रहे थे। अब बदलाव किया है। इन 10 लोगों ने पट्टे ले लिए, उनके हित सुरक्षित रखते हुए बाकी बाकी के लिए जैसी बसावट है या छेड़छाड़ हो चुकी है, उसका अलग ले आउट प्लान बनेगा। ताकि पूरी कॉलोनी नियमित हो सके।

4. हाउिसंग बोर्ड की अवाप्त भूमि पर वही पट्‌टे देगा
अब तक राजस्थान हाउसिंग बोर्ड की अवाप्त जमीनों पर बसी कालोनियों के पट्टे कई जगह जेडीए, यूआईटी या निगम देते थे। जेडीए ने जयपुर की 81 काॅलोनियों की एनओसी मांगने का मुद्दा उठाया। हाउसिंग बोर्ड चेयरमैन पवन अरोड़ा ने कहा कि ये कालोनियों बोर्ड की हैं। तय हुआ कि एक्ट में संशोधन कर इनपर पट्‌टे देने का हक हाउसिंग बोर्ड का होगा।

5. कच्ची बस्ती के लोग 3 साल बाद बेच सकेंगे अपना पट्टा शुदा मकान:
कच्ची बस्तियों में पट्टा धारकों के लिए पहले 10 साल तक मकान-प्लाॅट नहीं बेचने का नियम था, उसे अब बदलकर 3 साल किया गया है।

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