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ऊधमसिंह नगर के 128 अस्पतालों को पीसीबी ने भेजा नोटिस, कचरे के निस्तारण के संबंध में मांगी जानकारी

काशीपुर : जैव चिकित्सीय कचरे के निस्तारण की प्रक्रिया और पीसीबी से अनुमति नहीं लेने वाले जिले के 128 अस्पतालों को पीसीबी ने नोटिस जारी कर 15 दिन के भीतर जानकारी मांगी है। तय समय पर नोटिस का जवाब न देने वाले संस्थानों पर पीसीबी इन अस्पतालों पर भारी जुर्माने की कार्रवाई अमल में लाएगा। इतना ही नहीं जिन अस्पतालों को नोटिस जारी किए गए हैं। उसमें जिले के कई सरकारी अस्पताल भी शामिल हैं

करीब चार साल पहले जैव चिकित्सीय कचरे को खुले में जलाने और कूड़ा प्वाइंटों पर फेंके जाने के मामले सामने आने पर उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) ने जिले के सभी अस्पतालों का निरीक्षण किया था। इसके बाद कुछ अस्पतालों में मामले सही पाने पर पीसीबी ने भारी जुर्माने भी लगाए थे। इसके बाद पीसीबी ने सभी अस्पतालों को विभाग से अनुमति लेने और जैव चिकित्सीय कचरे का नियमानुसार निस्तारण करने की हिदायत दी थी। बता दें कि जिले के अस्पतालों को संचालित करने के लिए अस्पताल प्रशासन को पीसीबी में आवेदन कर अनुमति लेनी अनिवार्य है। इसके तहत पीसीबी में 541 पंजीकृत अस्पतालों में अब तक 128 अस्पतालों ने अनुमति के आवेदन नहीं किया है।

वहीं गदरपुर की एक कंपनी से कई अस्पतालों का टाइअप है जो अस्पतालों से जैव चिकित्सीय कचरे को एकत्रित कर उसका निस्तारण करती है। लेकिन अभी भी कई ऐसे अस्पताल हैं जो जैव चिकित्सीय कचरे का नियमानुसार निस्तारण नहीं कर रहें हैं। ऐसे में पीसीबी ने एक बार फिर कड़ा रुख अपनाते हुए ऐसे अस्पतालों जिन्होंने पीसीबी से अनुमति नहीं ली उन्हें नोटिस भेजना शुरू कर दिया है।

पीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी नरेश गोस्वामी ने बताया कि अस्पताल प्रशासन को 15 दिन के भीतर विभाग में संपर्क कर अनुमति लेने के कहा गया है। साथ ही जैव चिकित्सीय कचरे के निस्तारण के लिए उन्होंने क्या प्रबंध किये हैं इसकी भी जानकारी विभाग को देने को कहा गया है। यदि नोटिस के बाद भी अस्पताल विभाग से अनुमति नहीं लेते हैं तो उनके खिलाफ जुर्माने की कार्रवाई की जाएगी

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