सालभर के कार्यकाल का हिसाब:शहर में अप्रैल से 150-200 करोड़ के विकास काम शुरू होंगे, 1 महीने में सफाई दुरुस्त होगी: सभापति
बूंदी सभापति मधु नुवाल ने अपने सालभर के कार्यकाल का हिसाब-किताब सबके सामने रखा। एक फार्म पर प्रेस काॅन्फ्रेंस में उन्होंने माना कि शहर की सफाई व्यवस्था और अब तक किए गए कार्यों से वे संतुष्ट नहीं है, पर अप्रैल में 150-200 करोड़ रुपए के विकास कार्य शुरू हो जाएंगे, जिसमें 135 करोड़ रुपए की डीपीआर के काम भी शामिल हैं। साथ ही, 2 करोड़ रुपए रोडवेज बस अड्डे की दशा सुधारने पर भी खर्च किए जाएंगे।
सफाई व्यवस्था भी जल्द सुधर जाएगी। पूर्वमंत्री हरिमाेहन शर्मा ने वादा किया कि एक महीने में शहर की सफाई व्यवस्था सुधार दी जाएगी।सभापति नुवाल का कहना था कि एक साल के कार्यकाल में 6 महीने कोरोनाकाल था, काम के लिए महज 6 महीने थे। एक साल पहले सभापति का पद संभाला तो 57 करोड़ रुपए की तो नगरपरिषद पर देनदारियां थी। नगरपरिषद की गाड़ियों के लिए डीजल-पेट्रोल तक के रुपए नहीं थे। पट्टा कैंप में एक हजार से अधिक पट्टे बनाने से कुछ आय हुई, जिससे नगरपरिषद का काम सुचारू किया गया। सफाई के लिए ऑटो टिपर मंगवाए। अब सड़कें सुधारी जाएंगी। उन्होंने एक साल में 60 वार्डों में करीब 4 करोड़ खर्च कर कराए गए कामों का का ब्योरा भी रखा।
मुख्यमंत्री बजट घोषणा में 6 करोड़ से 43 सड़कों का काम शुरू हुआ।29 करोड़ शहरी जलप्रदाय योजना पर और 3 करोड़ रुपए कर्मचारियों का एरियर चुकाने पर और 3 करोड़ रुपए कोम्पेक्टर, बड़ी-छोटी तीन सीवर लाइन सफाई की मशीनों, 20 नए ऑटो टिपर खरीदने और 81 लाख शहर में पानी की लाइनें बिछाने पर खर्च किए। बोरिंग लगाए गए। 1.20 करोड़ के काम चल रहे हैं, 91.90 लाख रुपए के काम कराए जा चुके हैं। इस दाैरान उपसभापति लटूरभाई, पीसीसी सदस्य सत्येश शर्मा, पार्षद देवराज गोचर, कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष चेतराम मीणा, आयुक्त महावीरसिंह सिसोदिया साथ रहे।188 लाख रुपए के वर्कऑर्डरवार्डों में 188 लाख रुपए के काम के वर्क ऑर्डर जारी हो चुके हैं। कुल 2.54 करोड़ के और स्ट्रीट लाइट पर 64 लाख रुपए के टेंडर हो चुके हैं। 16 करोड़ से टाउन हॉल बनाया जाएगा, जिसके टेंडर हो चुके हैं, जल्द शिलान्यास होगा। 27 लाख से शहीद स्मारक बनाने के वर्क ऑर्डर हो चुके हैं।
विकास करानेे के सारे दावे झूठे : नेता प्रतिपक्षनगरपरिषद के नेता प्रतिपक्ष मुकेश माधवानी ने प्रतिक्रियास्वरूप कहा कि एक साल में शहर और नगरपरिषद को बर्बादी के कगार पर पहुंचा दिया गया। शहर की ऐसी दुर्दशा पहले कभी नहीं हुई। विरासत में मिले हुए 44 करोड़ में से 30 करोड़ रुपए का भुगतान अपने चहेते ठेकेदारों को कर दिया गया। सीवरेज कंपनी को 16 करोड़ का भुगतान बिना काम किए कर दिया। अतिक्रमण से शहर बदसूरत हो रहा है। गंदगी से बुरा हाल है।4 हजार कंबल बांट देने से विकास नहीं होता: पूर्वमंत्री शर्मापूर्वमंत्री हरिमोहन शर्मा ने बताया कि सामाजिक संस्थाओं को 1500 वर्गमीटर जमीन अलॉट की पावर नगरपरिषद को मिली है, कई समाजों की ओर से जमीन के लिए एप्लाई किया गया है, जो उन्हें दी जाएगी।
शर्मा ने बूंदी में बूंदा मीणा का पैनोरमा नहीं बनने के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया।उनका कहना था कि तत्कालीन भाजपा सरकार ने पैनोरमा की घोषणा कर दी, पर बजट या जमीन नहीं दी। जमीन के कागज बन चुके हैं, ऐसे में आवंटन तो रद्द नहीं किया जा सकता, पर नगरपरिषद पैनोरमा के लिए आर्थिक और अन्य सहयोग को तैयार है। उन्होंने भाजपा विधायक और सांसद से भी अपने कार्यकाल का हिसाब मांगा। कहा कि चार हजार कंबल बांट देने से विकास नहीं होता। पीसीसी सदस्य सत्येश शर्मा ने कहा कि नगरपरिषद बोर्ड ईमानदारी से काम कर रहा है, यह शुरुआत है, बहुत काम करना है।